आवासन और शहरी कार्य मंत्री ने संगठनों से विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण कचरा स्थलों को अपनाने का आग्रह किया
राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किए गए इस अभियान में देश भर के सभी नागरिकों, राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों, गैर सरकारी संगठनों, सीपीएसयू, प्रमुख संगठनों की असाधारण भागीदारी रही है। यह सामूहिक प्रयास सफाई और परिवर्तन के लिए पहचानी गई स्वच्छता कार्य इकाइयों (सीटीयू) की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि से स्पष्ट है, जिन्हें अब इस पहल का एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है। विभिन्न स्थानों पर स्वच्छता संबंधी पहल पहले से ही चल रही है, कुछ क्षेत्रों में तो मात्र एक दिन में ही सफलतापूर्वक बदलाव किया गया है।
केंद्रीय मंत्री श्री एम.एल. खट्टर ने डीएमआरसी, एनआरसीटीसी, रेलटेल, आरआईटीईएस, आईआरसीटीसी, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, बीएसएनएल, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, हुडको, एनबीसीसी और अन्य सहित लगभग 45 सीपीएसयू के शीर्ष नेतृत्व के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में केंद्रीय मंत्रालयों के नोडल अधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे, इसका उद्देश्य उन्हें चुनौतीपूर्ण और उपेक्षित क्षेत्रों से निपटने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए देश भर में स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना था।
अब तक 5 लाख से अधिक सीटीयू को कायाकल्प के लिए नामित किया गया है, जिससे स्वच्छ और सुंदर सुविधाओं तैयार हो सके। स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों को अपनाकर सीपीएसयू जनशक्ति और मशीनरी सहायता के साथ वृक्षारोपण अभियान सहित विभिन्न पहलों के माध्यम से महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर सकते हैं। वे सफाई मित्र सुरक्षा शिविरों में और स्वच्छ भारत सांस्कृतिक उत्सवों में शामिल हो सकते है , स्वच्छ फूड स्ट्रीट पर सहयोग कर सकते हैं और परिवर्तित स्थानों पर अपशिष्ट से कला परियोजनाएं स्थापित कर सकते हैं जिससे स्वच्छता और सौंदर्यीकरण प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
एसएचएस 2024 पर इंटरएक्टिव ओपन हाउस चर्चा में, जिसमें सीटीयू को अपनाने पर विशेष ध्यान दिया गया, केंद्रीय मंत्री श्री एम.एल. खट्टर ने बताया कि सीटीयू पर काम सिर्फ अभियान अवधि के लिए नहीं है बल्कि इसे भविष्य में भी जारी रखना होगा। चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री ने सीपीएसयू से सीटीयू को अपनाने के लिए आगे आने का आग्रह किया और उन्हें अपशिष्ट से संपदा पहल को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया ताकि प्रभावी अपशिष्ट प्रसंस्करण और परिवर्तन तथा स्थानों के सौंदर्यीकरण को सुनिश्चित किया जा सके।