Sunday, September 8

पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार ने झारखंड में ‘ए-हेल्प’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया

‘ए-हेल्प’ कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को मान्यता प्राप्त एजेंट के रूप में शामिल करके उन्हें सशक्त बनाना है जो रोग नियंत्रण, पशु टैगिंग और पशुधन बीमा में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं: श्री बादल पत्रलेख

श्रीमती अलका उपाध्याय ने बड़े स्तर पर पशुधन क्षेत्र के विकास में महिलाओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला

इस कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों और पशु सखियों सहित 500 से अधिक लोगों की भागीदारी देखी गई

New Delhi (IMNB). पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार ने आज झारखंड में ए-हेल्प (स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त एजेंट) कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। झारखंड सरकार में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्री बादल पत्रलेख कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। इस कार्यक्रम का शुभारंभ सचिव, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार श्रीमती अलका उपाध्याय, सचिव, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखंड सरकार श्री अबूबकर सिद्दीकी पी, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के वरिष्ठ महाप्रबंधक श्री ललित प्रसाद करण की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।

 

मंत्री श्री बादल पत्रलेख ने राज्य के पशुधन क्षेत्र के समग्र विकास में महिलाओं की भूमिका के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ‘ए-हेल्प’ कार्यक्रम के बारे में बात की, जिसका उद्देश्य महिलाओं को मान्यता प्राप्त एजेंट के रूप में शामिल करके सशक्त बनाना है। ये एजेंट रोग नियंत्रण, पशु टैगिंग और पशुधन बीमा में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नई योजना से किसानों के दरवाजे तक पशु चिकित्सा सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी और इससे पशु सखियां सशक्त होंगी। श्री बादल पत्रलेख ने कहा कि यह सामाजिक-आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने, महिला शक्ति के उल्लेखनीय एकीकरण की दिशा में एक कदम है। इसका अनुकरण दूसरे क्षेत्रों में भी किया जा सकता है।

श्रीमती अलका उपाध्याय ने कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। उन्होंने पशुधन क्षेत्र के व्यापक विकास में पशुधन और महिलाओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और बढ़ते पशुधन क्षेत्र वाले राज्यों में से एक होने के लिए राज्य सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पशुधन उत्पादन के स्वास्थ्य और विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त एजेंट (ए-हेल्प) नामक समुदाय- आधारित पदाधिकारियों का यह नया बैंड स्थानीय पशु चिकित्सा संस्थानों और पशुधन मालिकों के बीच रिक्त स्थान को भरने और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया गया है और यह पशुधन संसाधन व्यक्तियों और प्राथमिक सेवा प्रदाताओं के रूप में सेवा प्रदान करेगा।

पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) “ए-हेल्प” (स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त एजेंट) नाम से एक अनूठी पहल शुरू कर रहा है और यह बिहार, गुजरात, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड सहित विभिन्न राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में पहले ही शुरू हो चुका है। पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी), भारत सरकार के तहत डीएएचडी और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के बीच हुए एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से उल्लेखनीय पहल शुरू की है।

शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान, पशु सखियों को ए-हेल्प किट वितरित की गईं और इस कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों और पशु सखियों सहित 500 से अधिक लोगों की भागीदारी देखने को मिली। यह पहल क्षेत्र में पशुधन स्वास्थ्य, विस्तार सेवाओं और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे संभावित रूप से पशुधन उत्पादकता और ग्रामीण विकास में सुधार देखने को मिलेगा।

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