Saturday, September 7

किशोरी सशक्तिकरण केंद्र कोडोली: अनौपचारिक शिक्षा और बाल संरक्षण में नई उम्मीद

बाल संरक्षण जागरूकता अभियान

बीजापुर। कलेक्टर अनुराग पाण्डेय के निर्देशन में तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास के मार्गदर्शन में बीजादूतीर स्वयंसेवकों द्वारा संचालित किशोरी सशक्तिकरण केंद्र कोडोली में शालात्यागी किशोरी बालिकाओं और असाक्षर महिलाओं को अनौपचारिक शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इस केंद्र में उन्हें बाल संरक्षण के विभिन्न विषयों पर जागरूक किया जा रहा है। जिसमें बाल विवाह के दुष्परिणाम, बाल मजदूरी, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, किशोरावस्था के दौरान शारीरिक परिवर्तन, लिंगभेद और बाल अधिकार शामिल हैं।

खुशी की बात है कि इस प्रयास के तहत तीन शालात्यागी किशोरी बालिकाएं वापस से विद्यालय जाने को प्रेरित होकर तैयार हो गई हैं। इसके अतिरिक्त, बीजादूतीर स्वयंसेवकों के प्रयास से दो महिलाएं नव भारत साक्षरता परीक्षा में भी शामिल हुई हैं, जो उनके शैक्षिक और व्यावसायिक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महिलाओं और किशोरी बालिकाओं को विभागीय योजनाओं से जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है, जिससे वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हो सके और समाज में एक सशक्त भूमिका निभा सकें। यह केंद्र उन्हें न केवल शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी मार्गदर्शन करता है।

बीजादूतीर स्वयंसेवकों का यह प्रयास समाज में जागरूकता फैलाने और असाक्षरता को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। किशोरी सशक्तिकरण केंद्र के सफल संचालन में बीजादूतीर स्वयंसेवकों के साथ जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री राहुल कौशिक एवं जिला समन्वयक यूनिसेफ सुश्री लेखिका साहू का विशेष योगदान रहा है।

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