Saturday, September 7

Tag: आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां (अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते)

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां (अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते)
खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर, लेख-आलेख

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां (अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते)

आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है| वैसे तो वर्ष 1920 में आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की स्थापना के साथ हमारे देश में संगठित ट्रेड यूनियन आंदोलन की शुरूआत मानी जा सकती है, लेकिन इससे पहले 1908 की जुलाई में बाल गंगाधर तिलक को राजद्रोह के मुकदमे में 6 साल की सजा सुनाये जाने के बाद बंबई के चार लाख मजदूरों ने 6 दिनों की ऐतिहासिक हड़ताल करके आजादी के आंदोलन में सड़कों पर उतरने का ऐलान कर दिया था| यह मजदूर वर्ग की पहली राजनैतिक लड़ाई थी, जिसने उपनिवेशवादी शोषण और आर्थिक बदहाली के खिलाफ आम जनता के असंतोष को अभिव्यक्त किया| 1936 में किसान सभा की स्थापना के साथ साम्राज्यवाद के खिलाफ मजदूर-किसान एकता की वर्गीय भावना तेज हुई| 1946 में नौसेना का विद्रोह, जिसमें एक साथ कांगेस, मुस्लिम लीग और कम्युनिस्ट पार्टी के झंडे फहराए गए थे, इसकी चरम अभिव्यक्ति थी, क्योंकि ह...