Saturday, September 7

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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भोपाल में ‘उन्मेष’ और ‘उत्कर्ष’ उत्सवों का उद्घाटन किया
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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भोपाल में ‘उन्मेष’ और ‘उत्कर्ष’ उत्सवों का उद्घाटन किया

New Delhi (IMNB). राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज (3 अगस्त, 2023) अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव-'उन्मेष' और  लोक और जनजातीय कला महोत्सव- 'उत्कर्ष' का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि साहित्य समाज से जोड़ता है और साथ ही लोगों को भी एक-दूसरे से जोड़ता है। उन्होंने कहा कि वही साहित्य और कलाएं सार्थक हैं जो 'मैं' और 'मेरा' से ऊपर उठकर रची और प्रस्तुत की गईं। उन्होंने कहा कि सभी भारतीय भाषाओं की प्रमुख कृतियों का अन्य भाषाओं में अनुवाद भारतीय साहित्य को और समृद्ध करेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि साहित्य ने मानवता को आईना दिखाया है, बचाया भी है और आगे भी बढ़ाया है। साहित्य और कला ने संवेदना और करुणा को, यानी मनुष्य की मानवता को सुरक्षित रखा है। मानवता की रक्षा के इस परम पवित्र अभियान में भागीदार बनने के लिए लेखक एवं कलाकार प्रशंसा के पात्...
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का संसद के समक्ष अभिभाषण
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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का संसद के समक्ष अभिभाषण

नई दिल्ली (IMNB). माननीय सदस्यगण, संसद के इस समवेत सत्र को संबोधित करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। कुछ ही महीने पहले देश ने अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करके आज़ादी के अमृतकाल में प्रवेश किया है। आज़ादी के इस अमृतकाल में हजारों वर्षों के गौरवशाली अतीत का गर्व जुड़ा है, भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की प्रेरणाएं जुड़ी हैं और भारत के स्वर्णिम भविष्य के संकल्प जुड़े हैं। अमृतकाल का यह 25 वर्ष का कालखंड, स्वतन्त्रता की स्वर्णिम शताब्दी का, और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है। ये 25 वर्ष हम सबके लिए और देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्यों की पराकाष्ठा करके दिखाने के हैं। यह हमारे सामने युग निर्माण का अवसर है, और हमें इस अवसर के लिए शत-प्रतिशत सामर्थ्य के साथ हर क्षण कार्य करना है। हमें 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो, और जिसमें आधुनिक...