पुस्तक समीक्षा …….लोगों का काम है कहना : प्रो. संजय द्विवेदी पर एकाग्र
पुस्तक समीक्षा
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0 पुस्तक - ...लोगों का काम है कहना : प्रो. संजय द्विवेदी पर एकाग्र*
संपादक : लोकेन्द्र सिंह
पृष्ठ : 156
मूल्य : 350 रुपये
*प्रकाशक : यश पब्लिकेशंस, 4754/23, अंसारी रोड़, दरियागंज, नई दिल्ली-110002*
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कुछ तो लोग कहेंगे...लोगों का काम है कहना
- डॉ. विनीत उत्पल
संजय द्विवेदी महज एक नाम है। वह नाम नहीं, जिसके आगे प्रोफेसर या डॉक्टर लगा हो। वह नाम नहीं, जिसके बाद महानिदेशक या कुलपति लगा हो। यह नाम है ऐसे शख्स का, जो समाज के एक तबके से लेकर किसी संस्थान या फिर राष्ट्र की तकदीर बदलनी की क्षमता रखता है। वह राख की एक छोटी-सी चिंगारी को भी विराट स्वरूप में लाने की क्षमता रखता है। वह किसी अनगढ़ पत्थर को छू ले, तो वह खुद को तराश कर सुन्दर बन जाता है।
संजय द्विवेदी वह नाम है, जिसे हर कोई चुनौती देता है, मगर वह आग की भ...