गरीबी तो मिटाने दो यारो!(व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा)
*गरीबी तो मिटाने दो यारो!*
*(व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा)*
ये लो कर लो बात। अब क्या मोदी जी गरीबी भी नहीं मिटाएं। सीबीएसई की किताबों में से गरीबी का चैप्टर जरा-सा हटा क्या दिया‚ भाई लोगों ने हटा दिया‚ मिटा दिया का मार तमाम शोर मचा रखा है। बताइए‚ इन्हें गरीबी मिटाने में भी दिक्कत है। अब मोदी जी की हर बात का विरोध करने वालों को कौन समझाए कि बच्चों की किताबों से हटेगी गरीबी‚ तभी तो नये इंडिया से मिटेगी गरीबी!
शुक्र है कि मोदी जी विरोधियों की नहीं सुनते हैं। वैसे कहने वाले कहते हैं कि मोदी जी समर्थकों की भी नहीं सुनते हैं‚ मोदी–मोदी की पुकारों के सिवा। खैर! समर्थकों की बात उनके घर की है‚ हम उसमें टांग क्यों अड़ाएं‚ पर मोदी जी विरोधियों की नहीं सुनते हैं‚ ये बात पक्की है। इसीलिए‚ पचहत्तर साल में जो नहीं हुआ, अब होगा; अमृतकाल वाले नये इंडिया में फाइनली गरीबी का अंत होगा। बेशक‚ पहल...