Saturday, September 7

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मोदी सरकार के खिलाफ किसानों की लामबंदी (आलेख : शिंजानी जैन, अंग्रेजी से अनुवाद : संजय पराते)
खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, लेख-आलेख

मोदी सरकार के खिलाफ किसानों की लामबंदी (आलेख : शिंजानी जैन, अंग्रेजी से अनुवाद : संजय पराते)

भारत के किसान आंदोलन ने नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सबसे बड़ी चुनौती पेश की है। चुनाव नजदीक आने के साथ, किसान एक बार फिर विनाशकारी नवउदारवादी मॉडल के तहत ग्रामीण गरीबी को चुनौती देने के लिए लामबंद हो रहे हैं। ठीक तीन साल पहले और दशकों बाद, भारतीय किसान सबसे बड़े सामाजिक आंदोलनों में से एक में एकजुट हुए थे और नरेंद्र मोदी सरकार को उन्होंने एक महत्वपूर्ण झटका दिया था। इस साल की शुरुआत से उन्होंने अपना विरोध अभियान फिर से शुरू कर दिया है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों के किसान संघों से मिलकर बने एक संयुक्त मंच ने फरवरी में "दिल्ली चलो" मार्च का आह्वान किया था। पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसानों को भारी सरकारी दमन का सामना करना पड़ा था। पंजाब के तेईस वर्षीय किसान शुभकरण सिंह की दिल्ली की ओर बढ़ते समय सिर में चोट लगने से मृत्यु हो गई। "दिल्ली चलो" आह्वान का नेतृत्...
मोदी के नेतृत्व वाली सरकार स्वतंत्र भारत की सबसे बदतर सरकार (आलेख : अशोक ढवले, अंग्रेजी से अनुवाद : संजय पराते)
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मोदी के नेतृत्व वाली सरकार स्वतंत्र भारत की सबसे बदतर सरकार (आलेख : अशोक ढवले, अंग्रेजी से अनुवाद : संजय पराते)

पिछले 10 वर्षों से, वर्ष 2014 से, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा-आरएसएस की सरकार का शासन, निष्पक्ष रूप से और निस्संदेह स्वतंत्र भारत के पिछले 77 वर्षों के इतिहास में अब तक का सबसे खराब शासन है। राष्ट्रीय जीवन के निम्नलिखित चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इसका प्रदर्शन इस बात को सिद्ध करता है। ये चार क्षेत्र हैं : 1. अर्थव्यवस्था, 2. भ्रष्टाचार, 3. लोकतंत्र और 4. धर्मनिरपेक्षता। आइए, इन सभी चारों क्षेत्रों पर एक नज़र डालते हैं। *आर्थिक दिवालियापन* भारत को 5 ट्रिलियन की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की तमाम बड़ी-बड़ी बातों के बावजूद तथ्य यह है कि प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में भारत 213 देशों में 147वें स्थान पर है। यह सबसे गरीब देशों के समूह में है और दुनिया की सबसे बड़ी गरीब आबादी का घर है। विश्व में असमानता के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में, भारत...
हसदेव के विनाश के खिलाफ जारी है जनता का संघर्ष (आलेख : तपन मिश्रा, अंग्रेजी से अनुवाद : संजय पराते)
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हसदेव के विनाश के खिलाफ जारी है जनता का संघर्ष (आलेख : तपन मिश्रा, अंग्रेजी से अनुवाद : संजय पराते)

छत्तीसगढ़ में नवनिर्वाचित भाजपा सरकार हसदेव अरण्य के जंगल के बड़े हिस्से को साफ करने के लिए पूरी ताकत से आगे बढ़ रही है, जिससे राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा संचालित अडानी समूह को, राजस्थान और आसपास के राज्यों के लिए बिजली पैदा करने और आपूर्ति के लिए, उसे आबंटित दो बड़े कोयला ब्लॉकों में खुले खनन का मार्ग प्रशस्त हो सके। परसा पूर्व और कांता बेसन (पीईकेबी) कोयला ब्लॉकों में लगभग 135 हेक्टेयर जंगलों को साफ करने की अनुमति दी गई है और इस आशय का एक नोटिस 18 सितंबर, 2023 को जारी किया गया था। भारी सुरक्षा घेरे के तहत हाल ही में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई शुरू हुई है। जैव विविधता से समृद्ध हसदेव अरण्य के जंगल 170,000 हेक्टेयर में फैले हुए हैं और गोंड आदिवासी और बड़े पैमाने पर शिकार-संग्रह करके जीवन यापन करने वाले विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) जैसे बिरहोर, हलबा, बैगा ...
वन संरक्षण कानून में संशोधन विधेयक: उदारीकरण और केंद्रीकरण की दिशा में आदिवासियों पर एक और हमला (आलेख : बृंदा करात, अंग्रेजी से अनुवाद : संजय पराते)
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वन संरक्षण कानून में संशोधन विधेयक: उदारीकरण और केंद्रीकरण की दिशा में आदिवासियों पर एक और हमला (आलेख : बृंदा करात, अंग्रेजी से अनुवाद : संजय पराते)

भले ही सत्तारूढ़ पार्टी ने संसद में विपक्षी दलों के किसी भी हस्तक्षेप को रोका हो, लेकिन उसने बिना चर्चा के सरकारी कामकाज को आगे बढ़ाना जारी रखा। इनमें से एक था वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश करना। इस विधेयक को संसद के पटल पर रखने के बाद, आश्चर्यजनक रूप से, सरकार ने विधेयक को दोनों सदनों के सदस्यों वाली एक संयुक्त समिति को भेज दिया। जब पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) से जुड़े सभी मुद्दों के लिए संसद की एक स्थायी समिति है, तो सरकार ने इसे दरकिनार क्यों किया? स्थायी समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता श्री जयराम रमेश ने प्रक्रिया को अभूतपूर्व और स्थायी समिति के जनादेश का उल्लंघन बताते हुए कड़ी आपत्ति व्यक्त की है, जो एकदम सही है। यह सरकार द्वारा संसदीय मानदंडों और प्रक्रियाओं पर बुलडोजर चलाने का एक और उदाहरण है। संशोधन विधेयक चिंता का विषय है। ...