Saturday, September 7

Tag: Why is there so much silence on the claim of “Adani is India” brother? (Article: Badal Saroj)

“अडानी इज इंडिया” के दावे पर इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई? (आलेख : बादल सरोज)
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“अडानी इज इंडिया” के दावे पर इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई? (आलेख : बादल सरोज)

भारत में 21वीं सदी के सबसे बड़े घोटाले, ठगी और बेईमानी पर दुनिया भर में भारत की सरकार और उसके कारपोरेट की भद्द पिटी पड़ी है। बाजार अपने निर्णय सुना रहा है, मगर जिन्हें बोलना था, वे न बोल रहे हैं, ना ही संसद तक में बोलने दे रहे हैं। बहरहाल यहां प्रसंग अरबों डॉलर की उठापटक नहीं है - एक घोटालेबाज का खुद को देश का पर्याय बताना, जलियांवाला बाग़ से लेकर राष्ट्रीय ध्वज तक को अपने बचाव में इस्तेमाल करना है। भारतीय लोकतंत्र का "अडानी इज इंडिया" तक जा पहुंचना सिर्फ एक दिलचस्प यात्रा नहीं है, यह भारतीय राजनीति और समाज के गुणात्मक कायांतरण की गाथा है। इसकी एक क्रोनोलॉजी है। इसलिए इसे सिर्फ एक कठघरे में घिरे अभियुक्त की घबराहट में कही गयी बात तक सीमित रखकर नहीं देखा जा सकता। यह आतप्त और अति-तप्त वचन आजाद भारत में दूसरी बार इस तरह बोला गया है। इनसे पहले एक थे देबकान्त बरुआ। 1974 में, जब कांग्रेस में नेत...