रायपुर 11 नवम्बर 2022/ कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे ने जल संरक्षण और संवर्धन के लिए सभी ज़रूरी प्रयास करने की अपील ग्राम पंचायतों के सरपंचों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से की है। डॉ भुरे ने अपील की है कि गाँव के नदी नालों और नदियों पर बने स्टाप डेम-एनिकट के गेट अनिवार्य रूप से बंद रखे जाए।
अपने अपील संदेश में कलेक्टर ने कहा है कि वर्षा ऋतु के समाप्त होते ही गांव के आस-पास से गुजरने वाले स्थानीय नदी-नालों में पानी का बहाव धीरे-धीरे कम होने लगता है। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि इन नदी-नालों में बने स्टाप डेम, एनीकट आदि के जल द्वारों को बंद करके जल संरक्षित किया जावे। कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों और सरपंचों से अपेक्षा की है, कि जल्द ही ग्राम पंचायत में पूर्व निर्मित समस्त स्टाप डेम एवं एनीकट के जल द्वारों को बंद किया जाएगा। ऐसे स्टाप डेम या एनीकट, जिसमें गेट लगे हुए हैं, उन्हें बंद कराने के लिए संबंधित विभाग जैसे जल संसाधन, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, कृषि, वन विभाग से समन्वय स्थापित किया जाए तथा जिनमें गेट नहीं है, उनको करी- शटर्श या रेत से भरी बोरियों से बन्द किया जाय। डॉ भुरे ने ऐसे गाँव और पंचायतों में, जहाँ एक भी स्टाप डेम निर्मित नहीं होंगे, वहाँ स्थानीय नालों में 2-3 फिट ऊँचाई के बोरी बंधान बनाकर भी पानी को रोकने की कार्यवाही की अपील की है, जिससे आगामी 4-5 माह के लिए निस्तारी की समस्या का समाधान किया जा सके। कलेक्टर ने अपील की है कि ग्रामीण जनों एवं पशुधन की निस्तारी के लिए सभी सरपंच और स्थानीय जनप्रतिनिधि अपने ग्राम पंचायत क्षेत्र में अनिवार्यतः जल संरक्षण करना सुनिश्चित करें।
अपने अपील संदेश में कलेक्टर ने कहा है कि वर्षा ऋतु के समाप्त होते ही गांव के आस-पास से गुजरने वाले स्थानीय नदी-नालों में पानी का बहाव धीरे-धीरे कम होने लगता है। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि इन नदी-नालों में बने स्टाप डेम, एनीकट आदि के जल द्वारों को बंद करके जल संरक्षित किया जावे। कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों और सरपंचों से अपेक्षा की है, कि जल्द ही ग्राम पंचायत में पूर्व निर्मित समस्त स्टाप डेम एवं एनीकट के जल द्वारों को बंद किया जाएगा। ऐसे स्टाप डेम या एनीकट, जिसमें गेट लगे हुए हैं, उन्हें बंद कराने के लिए संबंधित विभाग जैसे जल संसाधन, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, कृषि, वन विभाग से समन्वय स्थापित किया जाए तथा जिनमें गेट नहीं है, उनको करी- शटर्श या रेत से भरी बोरियों से बन्द किया जाय। डॉ भुरे ने ऐसे गाँव और पंचायतों में, जहाँ एक भी स्टाप डेम निर्मित नहीं होंगे, वहाँ स्थानीय नालों में 2-3 फिट ऊँचाई के बोरी बंधान बनाकर भी पानी को रोकने की कार्यवाही की अपील की है, जिससे आगामी 4-5 माह के लिए निस्तारी की समस्या का समाधान किया जा सके। कलेक्टर ने अपील की है कि ग्रामीण जनों एवं पशुधन की निस्तारी के लिए सभी सरपंच और स्थानीय जनप्रतिनिधि अपने ग्राम पंचायत क्षेत्र में अनिवार्यतः जल संरक्षण करना सुनिश्चित करें।