लंबी रेस के घोड़े को धीरे दौड़ना चाहिये’, क्या भाजपा तेज दौड़ गयी* वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी…
सत्ता संभालते ही भाजपा ने जो काम करने शुरू किये वे अपने आपमें अद्भुत थे। प्रशंसनीय। लीक से हटकर। भरपूर प्रशंसा भी मिली।
*आत्मविश्वास भी बढ़ा। और अधिक अच्छा करने के लिये प्रेरित और उत्साहित हुई। किया भी। इस बार भी करेगी।*
इससे अच्छा, बहुत
अच्छा करती भी यदि मंसूबों के समतुल्य जीत के आंकड़े आते।
*मगर... सोचा और अंदाजा कुछ और लगाया था और हुआ कुछ और।*
भाजपा हमेशा चुनावी मोड में रहती है ऐसा कहा जाता है। कार्यकर्ता हमेशा तैयार रहते हैं।
चुनावों की घोषणा से पहले से भाजपा चुनावी रेस में दौड़ना शुरू कर चुकी थी।
*इस रेस में भाजपा चुनाव आते तक इतनी गति पकड़ चुकी थी कि जनता की सोच से भी आगे निकल गयी।*
एक बड़ा नुकसान शायद गृहमंत्री अमित शाह के कथित वीडियो का हुआ जिसमें आरक्षण को समूचा खत्म करने का बयान दिया गया था।
हालांकि बाद मंे इसे हटाया भी गया और इस वीडियो को जारी करने वालो...