आज कल शहर मा रह कर गांव के नेतागिरी करइया नेता मन ला गांव के अब्बड़ सुरता आवत हावय । एक पारटी हर त मण्डल कमण्डल तक के बैठक करत हे त दूसर पारटी हर गांव मा बिकास ला खोजत भ्रष्टाचार के हांका पाड़त घुमत हावय , का करबे गा अब शहर अउ गांव के सरकार चुनाई के बेरा मा सब याद आहि । कवरधा मा त सीसी रोड मा कीचड़ अउ नाली के पानी मा चले के अनुभव मिल जाथे अउ मजा मिल जाथे । बिन टेंडर के कमीशन वाले काम जल्दी हो जाथे अउ ठेकेदार के मन नई हे तो टेंडर के बाद घलो काम चालू नई होवय । शहर के चौऊक और सड़क में बिना टेंडर के काम होवत हे अउ गली में लोगन कीचड़ में रेंगे बर मजबूर हे काबर कि ठेकेदार के मन नई हे अउ टेंडर नई हे । शहर के हालत ला देख के लपरहा टुरा कईथे कैसे गोबरहींन देखत हस बिकास ला कइसे बोहावत अउ गिरत फिसलत हावय , लपरहा के गोठ ल सुन गुसियाय गोबरहींन टुरी कइथे तै का जानबे रे लपरहा शहर मा रहईया नेता मन अब्बड़ गांव चलव चलव के रट लगाय रहिन त सरकार सोचिस बेचारा बपुरा मन अतका दिन ले त निकलिन नई अब चुनाई के बेरा मा गाव गोतर के याद आवत हावय त काबर इंखर कनिहा दुखाय ,पिट्रोल बरय । एखरे खातिर गांव के मज़ा ल शहर मा देवत हावय कि अइसने गांव में घलो मिलहि गाली खाय के प्रेक्टिस कर लेव । देख हमर सरकार सब्बो के कतका चिंता करथे न ।
चलते चलते तीन सवाल :-
1) शक्कर की मिठास में निजी ड्राइवर की तनख्वाह निकाल कर 5 साल फोकट में ड्राइवर पाने वाले फोकटिया नेता कौन ?
2) शक्कर की मिठास में डूबे किनकी किनकी फर्जी दुकानदारी हुई बंद ?
3) कही फोकटिया छाप दुकानदारी बन्द होने की पीड़ा तो नहीं विरोध का कारण ?
और अंत में :-
झूठ बोलने से पाप लगता है ,
और सच बोलने से मिर्ची ,
अब मैं क्या करूँ ?
#जय_हो 28 अगस्त 2024 कवर्धा (छत्तीसगढ़)