नयी दिल्ली. आयकर विभाग ने कोयला परिवहन और संबद्ध व्यवसाय में लगे छत्तीसगढ़ के एक समूह और राज्य सरकार की एक वरिष्ठ अधिकारी से जुड़े परिसरों पर हाल में छापेमारी में 14 करोड़ रुपये की ‘‘अघोषित’’ नकदी और आभूषण जब्त किए हैं और ‘‘सैकड़ों करोड़ रुपये’’ की कर चोरी का पता लगाया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को यह जानकारी दी.
छापेमारी 30 जून को शुरू की गई थी और अधिकारी के परिसर के अलावा रायपुर, भिलाई, रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर और सूरजपुर में 30 से अधिक स्थानों पर यह कार्रवाई की गई. सीबीडीटी ने समूह की पहचान बताए बिना एक बयान में कहा कि कारोबारी समूह ‘‘छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन में शामिल रहा है जिसके जरिए उसने भारी अघोषित आय जुटाई है.’’
बयान में कहा गया, ‘‘इतने कम समय में 200 करोड़ रुपये से अधिक के संग्रहण के साक्ष्य मिले हैं. समूह के प्रमुख विश्वसनीय सहयोगियों द्वारा भी इसकी पुष्टि की गई है.’’ बयान में कहा गया है कि अफसरों को ‘‘सरकारी अधिकारियों को किए गए कुछ नकद भुगतान के साक्ष्य मिले हैं.’’ सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीति तैयार करता है. छत्तीसगढ़ के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने 30 जून को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि कुछ कारोबारियों के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात उप सचिव स्तर की अधिकारी सौम्या चौरसिया के दुर्ग जिले के भिलाई शहर में स्थित आवास की भी तलाशी ली गई थी.
बयान में कहा गया, ‘‘तलाशी अभियान के दौरान अब तक 9.5 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी और 4.5 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए हैं. सीबीडीटी ने कहा कि समूह ने ‘कोयला वॉशरी’ खरीदने में लगभग 45 करोड़ रुपये का ‘‘बिना हिसाब वाला’’ नकद भुगतान किया.