रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के विधायक दल ने जांजगीर-चांपा विधानसभा क्षेत्र से विधायक नारायण चंदेल को अपना नया नेता चुना है. पार्टी ने बुधवार को यह जानकारी दी.भाजपा ने बताया कि चंदेल, धरमलाल कौशिक का स्थान लेंगे. इसी के साथ विपक्ष में भाजपा सबसे बड़ा दल होने के नाते उसके नेता चंदेल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी होंगे.
भाजपा नेताओं ने बुधवार को बताया कि पार्टी के मुख्यालय ‘कुशाभाऊ ठाकरे परिसर’ में आज दोपहर बाद भाजपा विधायक दल की बैठक आयोजित की गई, जिसमें नए नेता का चुनाव किया गया. राज्य में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद पार्टी ने तब अपने 15 विधायकों में से पिछड़े वर्ग के नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक को नेता चुना था. वह राज्य के पांचवे और भाजपा के दूसरे नेता प्रतिपक्ष चुने गए थे.
राज्य में पिछले दिनों नए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अरुण साव की नियुक्ति के बाद राज्य में नए नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के कयास लगाए जा रहे थे. नए नेता प्रतिपक्ष चंदेल का जन्म 19 अप्रैल वर्ष 1965 को जांजगीर-चांपा जिले के नैला स्थान में हुआ है. चंदेल राज्य में पिछड़े वर्ग के प्रमुख नेता माने जाते हैं. चंदेल वर्ष 1998 में पहली बार अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. इसके बाद वह वर्ष 2008 और 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए चुने गए.
नारायण चंदेल छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष भी रहे हैं तथा पार्टी में विभिन्न पदों पर जिम्मेदारी निभाई है. भाजपा विधायक दल का नया नेता चुने जाने के बाद चंदेल ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, ”विधायक दल ने मुझे सर्वसम्मति से नेता प्रतिपक्ष चुना है. सबको साथ लेकर दायित्व का निवर्हन करूंगा.” उन्होंने कहा कि राज्य में भूपेश बघेल की सरकार झूठ की सरकार है. राज्य की जनता इस सरकार को उखाड़ फेकेगी.
चंदेल ने कहा, ”कांग्रेस देश में समाप्ति की ओर है. यह केवल राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही बची है. आगामी विधानसभा चुनाव में यहां भी कांग्रेस की हार होगी.” राज्य में वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पिछड़े वर्ग में बहुसंख्यक साहू समाज से आने वाले अरुण साव को राज्य भाजपा का कमान सौंपने के बाद कुर्मी समाज से आने वाले नारायण चंदेल की नेता प्रतिपक्ष के रूप में नियुक्ति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
राजनीतिक विश्लेषक और पत्रकार आर कृष्णा दास कहते हैं, ”पिछले दिनों प्रदेश अध्यक्ष पद पर साव की नियुक्ति के बाद से ही कयास लगाया जा रहा था कि राज्य में नए नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति होगी. साव की तरह ही चंदेल की छवि जमीन से जुड़े नेता की है और वह सभी गुटों को साथ लेकर चल सकते हैं.”
दास कहते हैं, ”राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग लगभग 44 फीसदी हैं और इनमें ज्यादातर संख्या साहू और कुर्मी समाज की है. चंदेल कुर्मी समाज से आते हैं तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कुर्मी समाज से हैं. अन्य पिछड़ा वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर भाजपा ने इस वर्ग को सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है. साथ ही कहा जा सकता है कि भाजपा राज्य में बड़ी चुनावी रणनीति पर काम कर रही है.” राज्य के सत्ताधारी दल कांग्रेस ने नए नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति पर कहा है कि भाजपा ने जनता का विश्वास खो दिया है.
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, ”भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में जनता का विश्वास खो चुकी है. पिछले 15 साल में उन्होंने कुशासन और भ्रष्टाचार किया था, उससे जनता ऊब चुकी थी. जनता ने तीन चौथाई बहुमत के साथ छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनायी है. वहीं भाजपा का जनाधार कम हुआ है. भाजपा ने चार साल में चार प्रदेश अध्यक्ष बदला है तथा दो नेता प्रतिपक्ष बदल गए हैं. इससे पता चलता है कि भाजपा जनता के बीच समाप्त हो गई है. नारायण चंदेल को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.” राज्य के 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 14 विधायक हैं जबकि सत्ताधारी कांग्रेस के 71, बहुजन समाज पार्टी (बसपा)के दो तथा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के तीन विधायक हैं.