दुर्ग। छत्तीसगढ़ में गेड़ी बॉल का आगाज हो चुका है। गेड़ी बॉल खेल छत्तीसगढ़ का अपना खेल है जो यहां के खेल विशेषज्ञों ने बनाया है। गेड़ी चढ़ना छत्तीसगढ़ की परंपरा का एक हिस्सा है इसी गेड़ी को जोड़ते हुए गेड़ी बॉल खेल का उदय हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 24 दिसंबर को दुर्ग जिले के डेमार गांव में आयोजित गुरु घासीदास जयंती समारोह के दौरान इस खेल से जुड़ी नियमावली का विमोचन किया। इस मौक पर गेड़ी बॉल खेल को प्रदेश में लाने के लिए संघ के पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दीं। इस दौरान गेड़ी बॉल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अश्विनी साहू, सचिव ताजुद्दीन व कोषाध्यक्ष प्रभात तिवारी उपस्थित रहे।
गेड़ी बॉल एसोसिएशन के सचिव ताजुद्दीन ने बताया कि यह छत्तीसगढ़ की परंपरा से जुड़ा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 28 जुलाई को ग्राम तरसा में बॉल को गेड़ी चढ़कर किक मारकर उद्घाटन किया था। इसके बाद संघ की ओर से इस खेल का व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। प्रदेश के 28 जिलों में इस खेल को लेकर लोगों से मिलकर उसकी उपयोगिता बताई गई है। अब इस खेल की नियमावली बना ली गई है और इसका विमोचन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा किया गया।
गेड़ी बॉल खेल के यह हैं नियम
मैदान की लम्बाई 50/60 मीटर, चौड़ाई 25/30 मीटर होगी।
गोल पोस्ट जिसमे क्रास वार नहीं होगा पेनाल्टी 3 मीटर पर होगी।
एक टीम में 7 / 9 खिलाड़ी खेलेंगे।
खिलाड़ी हाथ की सुरक्षा के लिए दस्ताने एवं पैरों के अंगूठे तथा पास वाली बड़ी उंगली पर टेप उपयोग कर सकते हैं।
सिर पर साइकिलिंग में उपयोग होने वाला हेलमेट पहनेंगे।
खेल की कुल अवधि 30 मिनट की होगी।
हर 10 मिनट के पश्चात् 5 मिनट का इंटरवल इस प्रकार पूरी अवधि तक खेल चलेगा।
खेल के समय बॉल मैदान से बाहर जाने पर खिलाड़ी गेड़ी से उतर सकता है और चलते खेल के बीच उतरना अवैध माना जाएगा।
खिलाड़ियों की अपनी जर्सी होगी जिसमें नंबर के साथ नाम होगा।
मैदान का चुनाव टॉस के द्वारा (सिक्का उछालकर) किया जाएगा।
खेल के दौरान रोटेशन किया जा सकता है। कोई खिलाड़ी खेल के दौरान गोल कीपर की जगह ले सकता है, लेकिन वह मैदान के अंदर का होना चाहिए। खेल बराबर होने पर 5 पेनाल्टी देने का प्रावदान है।
खेल का पेनाल्टी पर भी निर्णय न होने पर सडन डेथ नियम का पालन किया जाएगा।
खेल प्रारंभ होने पर खिलाड़ी की अपने निश्चित स्थान पर खड़ा होना होगा
गेड़ी के निचले हिस्से में अपना कोई रंग का कपड़ा या कागज निशान / पहचान के लिए होना आवश्यक होगा। ताकि रेफरी खिलाड़ी को आसानी से पहचान सके।
फ्री किक के समय 3 मीटर दूर विरुद्ध खिलाड़ी खड़े रहेंगे।
मैदान 12.50 मीटर के अनुसार 4 भागों में बराबर बांटना होगा।
खेल प्रारम्भ होने से पहले खिलाड़ी जमीन पर खड़े रहेंगे। रेफरी की पहली सीटी पर सभी खिलाड़ी गेड़ी पर चढ़ेंगे, दूसरी सीटी पर खेल प्रारम्भ होगा।
गेड़ी के निचले हिस्से में अपना कोई रंग का कपड़ा या कागज निशान / पहचान के लिए होना आवश्यक होगा। ताकि रेफरी खिलाड़ी को आसानी से पहचान सके।
खेल प्रारम्भ एवं गोल होने पर बॉल में किक मारकर पुनः खेल प्रारम्भ किया जाएगा।
खेल के निर्णय के बाद 60 मिनट के अंदर, प्रोटेस्ट फीस के साथ प्रोटेस्ट किया जा सकेगा।
टीम का कोच / प्रबंधक मैदान के अंदर प्रवेश नहीं करेंगे।
खिलाडी को धकेलना हाथ से रोकना गेड़ी फंसा कर गिराना गाली गलौच एवं अभद्र व्यवहार गंदे इशारे आदि करना नियम के विरुद्ध होगा एवं इस प्रकार की गलती करने पर खिलाड़ी को दंडित करने का प्रावधान होगा।
खेल को सम्पन्न करने के लिए 3 रेफरी होंगे। एक मध्य में एवं दो साइड लाइन में होंगे। गेडी से किसी को रोकना या गेड़ी घुमाना फाउल माना जाएगा।
बॉल का व्यास फुटबॉल जितना ही होगा।