रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि धर्मांतरण के मामले में छत्तीसगढ़ का शासन प्रशासन स्वयं किसी मिशनरी की तरह काम कर रहा है। धर्मांतरण रोकना तो दूर विरोध करने वालों पर एकतरफा कार्रवाई की जाती है। राज्य में धर्मांतरण के संगठन और सरकार पोषक तंत्र की खिलाफत करने पर झूठे पास्को एक्ट का सामना करते हिंदू शेर ललित की संदेहास्पद मृत्यु हो जाती है। धर्मांतरण विरोधी योद्धा की संदिग्ध मौत में सरकार का क्या रोल है? सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यह बताना चाहिए कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति के सबसे बड़े दुश्मन मिशनरियों पर कार्यवाही करने से आपको कौन सी शक्ति रोकती है, दस जनपथ वाली या रोम वाली?
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 4 साल से सुनियोजित रूप से धर्मांतरण चल रहा है। सरकार का संरक्षण प्राप्त है। इसलिए धर्मांतरण की शिकायतों पर कोई कार्रवाई करना तो दूर उल्टे शिकायतकर्ता के ऊपर ही मुकदमे लाद दिए जाते हैं। धर्मांतरण का विरोध करने वालों की संदेहास्पद मौत हो जाती है और भूपेश बघेल सरकार आंख पर पट्टी बांध लेती है। इससे अधिक संरक्षण और क्या हो सकता है कि धर्मांतरण का खौफ इतना बढ़ गया है कि राज्य के गृहमंत्री भी अपने समाज के लोगों को सचेत कर रहे हैं कि इससे बचें। यह किसी भी सरकार के लिए चुल्लू भर पानी में डूब जाने के लिए पर्याप्त है कि सरकार का गृहमंत्री ही विवश होकर अपने लोगों को समझा रहा है कि धर्मांतरण से किस तरह बचा जाए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, उससे जाहिर हो रहा है कि यह सरकार राज्य में धर्मांतरण को बढ़ावा देने के एजेंडे पर काम कर रही है। सवाल यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार किसे खुश करने के लिए अथवा किसके आदेश पर ऐसा कर रही है?