कबीरदास साहेब की मानव सेवा के सीख की राह पर चल रही है छत्तीसगढ़ सरकार-मुख्यमंत्री बघेल

*मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि समय की सीमाओं से परे आज भी प्रासंगिक हैं कबीरदास साहेब की सीख*

*मुख्यमंत्री ने की नवा रायपुर में विश्वस्तरीय कबीर संस्थान बनाने की घोषणा, जहां होगा स्मारक के साथ संग्रहालय तथा शोध पीठ*

*अंतर्राष्ट्रीय कबीरपंथ संत महासम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल*

रायपुर, 4 फरवरी 2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज खरसिया में पंथश्री हुजूर मुकुंदमणिनाम साहेब स्मृति महोत्सव एवं एकोत्तरी चौका आरती महायज्ञ में शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर में विश्व स्तरीय कबीर संस्थान के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे संस्थान का निर्माण करेंगे, जहां एक ही स्थान पर कबीर स्मारक के साथ संग्रहालय और शोध पीठ भी होगा। कार्यक्रम कबीर पंथ के गुरु पं श्री हुजूर अर्धनाम साहेब जी, आचार्य, श्री कबीर धर्म स्थान ट्रस्ट खरसिया व श्री धर्माधिकारी साहेब की उपस्थिति में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष श्री चरणदास महंत, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, उच्च शिक्षामंत्री श्री उमेश पटेल, विधायक डोंगरगांव श्री दलेश्वर साहू, श्री संदीप साहू, अध्यक्ष तेलघानी बोर्ड भी सम्मिलित हुए।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर कहा कि कबीर साहेब ने आज से 600 साल पहले जो सीख दी है वे आज भी उतने ही प्रासंगिक और समाज को दिशा दिखाने वाली है, इसलिए आज उनके मानने वाले देश-विदेश में फैले हुए हैं। उन्होंने बताया कि गुरुओं का हमारे जीवन में ईश्वर के समकक्ष स्थान होता है। कबीरदास जी ने स्वयं अपने दोहे में कहा है कि जब गुरु और गोविंद (ईश्वर) दोनों एक साथ मिले तो पहले गुरुओं के चरण स्पर्श करें क्योंकि उन्होंने ही हमारा ईश्वर से परिचय करवाया है। जब तक गुरुओं का आशीष न मिले, मोक्ष नही मिल सकता है। कबीरदास जी ने समाज के पाखंड और विकृतियों को अपनी वाणी से दूर करने का कार्य किया और सरल जीवन व्यतीत करने की राह दिखाई। छत्तीसगढ़ में कबीर को मानने वाले बड़ी संख्या में हैं। उन्होंने समाज के अंतिम व्यक्ति तक सभी को साथ लेकर चलने की सीख दी।

छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में समाज के सभी वर्गों के लोगों के लिए योजनाएं बना और संचालित कर रही हैं। किसानों, श्रमिकों के लिए योजनाएं बनाई गई हैं। छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज संग्रहण का काम बड़े पैमाने कर होता है। इसको देखते हुए प्रदेश में 65 लघु वनोपजों का समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। आज छत्तीसगढ़ देश का सबसे बड़ा वनोपज संग्राहक प्रदेश बन गया है। देश के कुल संग्रहण का 74 प्रतिशत छत्तीसगढ़ से ही हो रहा है। किसानों को उनके फसलों के बेहतर दाम मिल रहे हैं। इस साल धान की रिकार्ड तोड़ खरीदी की गयी है। गोधन न्याय योजना से गोबर खरीदी कर उससे वर्मी कम्पोस्ट और अब पेन्ट भी बनाया जा रहा है। भूमिहीन श्रमिकों को सहायता के साथ शिक्षा के बेहतर अवसर व स्वास्थ्य सुविधाओं की सुलभ पहुंच भी सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने कबीर संस्थान ट्रस्ट खरसिया की मांग पर उन्हें आवेदन की हुई भूमि उपलब्ध करवाने के निर्देश कलेक्टर रायगढ़ को दिए। कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष श्री चरण दास महंत व गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने भी संबोधित किया। इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती राधा सुनील शर्मा, श्रीमती नयना गबेल, श्री मनोज गबेल, श्री सुनील शर्मा सहित देश-विदेश से पहुंचे हुए कबीर पंथ के अनुयायी उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि आचार्यगद्दी श्री कबीर-धर्म स्थान खरसिया कबीरपंथ की गौरवशाली धर्मदासीय परम्परा की सबसे बड़ी गद्दी है। यहां से पूरे विश्व में कबीर साहेब के मूल ज्ञान और उपदेश का प्रचार-प्रसार किया जाता है। पंथश्री हुजूर मुकुन्दमणिनाम साहेब धर्मदासीय वंश व्यालिस परम्परा के सत्रहवें वंशगुरू है। उन्हीं की स्मृति में स्मृति महोत्सव भंडारा एवं कबीरपंथ की सबसे बड़ी पूजा एकोत्तरी चौका आरती का आयोजन किया जा रहा है। इस महा महोत्सव में देश-विदेश से हजारों की संख्या में संत-महंत, भक्त श्रद्धालु जन पधारे हुए हैं।

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