यात्रा का मुख्य उद्देश्य मत्स्यपालन और जलीय कृषि के क्षेत्र में भारत और नॉर्वे के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना है
यात्रा का मुख्य उद्देश्य मार्च, 2010 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार, मत्स्यपालन और जलीय कृषि के क्षेत्र में भारत और नॉर्वे के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना है। प्रतिनिधिमंडल नॉर्वे के मत्स्यपालन और महासागर नीति मंत्री श्री ब्योर्नर सेल्नेस स्केजोरन, सुश्री क्रिस्टीना सिगर्सडॉटिर हेन्सन और स्टेट सेक्रेटरी, व्यापार, उद्योग और मत्स्यपालन मंत्रालय, नॉर्वे और अन्य प्रमुख अधिकारीयों के साथ मत्स्यपालन विकास, संसाधन प्रबंधन, अनुसंधान, नवाचार और व्यापार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
यह प्रतिनिधिमंडल 22 से 24 अगस्त, 2023 तक ट्रॉनहैम, नॉर्वे में द्विवार्षिक जलीय कृषि प्रदर्शनी और व्यापार मेले, एक्वा नोर 2023 में भी भाग लेगा, जो जलीय कृषि प्रौद्योगिकी और नवाचार के लिए दुनिया के सबसे बड़े व्यापार शो में से एक है। यह प्रदर्शनी टिकाऊ और लाभदायक जलीय कृषि के लिए नवीनतम विकास और समाधान प्रदर्शित करेगी। प्रतिनिधिमंडल विभिन्न नॉर्वेजियन कंपनियों के साथ बातचीत करेगा जिनके पास मछली पालन और जलीय कृषि के विभिन्न पहलुओं, जैसे मछली स्वास्थ्य, चारा, आनुवंशिकी, उपकरण, प्रसंस्करण और विपणन में विशेषज्ञता है।
प्रतिनिधिमंडल नॉर्वे में मत्स्य पालन और जलीय कृषि से संबंधित कुछ अत्याधुनिक सुविधाओं, जैसे मछली पकड़ने के जहाज, मछली पकड़ने के बंदरगाह, हैचरी, पिंजरे फार्म और समुद्री खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का भी दौरा करेगा। प्रतिनिधिमंडल नॉर्वेजियन अनुभव से सीखेगा और इन क्षेत्रों में सहयोग और निवेश की संभावनाओं का पता लगाएगा।
प्रतिनिधिमंडल नॉर्वे में भारतीय प्रवासियों से भी मिलेगा और उन्हें मत्स्यपालन क्षेत्र में भारत सरकार की पहल और उपलब्धियों से अवगत कराएगा और उनके सुझाव और प्रतिक्रियाएं लेगा।
इस यात्रा से मत्स्यपालन क्षेत्र में भारत और नॉर्वे के बीच आपसी समझ और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ने और भविष्य में साझेदारी के माध्यम से पर्याप्त विकास का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है।
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