केंद्रीय पूल में पर्याप्त अनाज भंडारः केंद्र

138 एलएमटी की सुरक्षित भंडारण आवश्यकता से काफी अधिक गेंहू उपलब्ध; एक जनवरी, 2023 को यह उपलब्धता 159 एलएमटी हो जायेगी

12 दिसंबर, 2022 के हिसाब से केंद्रीय पूल में 182 एलएमटी गेहूं उपलब्ध

नई दिल्ली (IMNB). राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और उसकी अन्य कल्याणकारी योजनाओं सहित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अतिरिक्त आबंटन की जरूरतों को पूरा करने के लिये भारत सरकार के केंद्रीय पूल में अनाज का पर्याप्त भंडार मौजूद है। एक जनवरी, 2023 तक लगभग 159 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं उपलब्ध हो जायेगा। नियमतः एक जनवरी तक 138 एलएमटी की सुरक्षित भंडारण की आवश्यकता होती है, जिसके मद्देनजर यह उससे काफी अधिक है। केंद्रीय पूल में 12 दिसंबर, 2022 को लगभग 182 एलएमटी गेहूं की उपलब्धता दर्ज की गई है।

भारत सरकार गेहूं की कीमतों की स्थिति से अच्छी तरह अवगत है और साप्ताहिक आधार पर उसकी नियमित निगरानी कर रही है। गेहूं के साथ अन्य जिंसों की कीमतों पर भी नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर सुधारात्मक उपाय भी किये जा रहे हैं। भारत सरकार ने कीमतें बढ़ने से रोकने के लिये सक्रियता दिखाई है तथा 13 मई, 2022 से प्रभावी होने वाले निर्यात नियमों को लागू कर दिया है। इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की भी चावल को ध्यान में रखते हुये समीक्षा की गई है, जिससे केंद्रीय पूल में गेहूं का भंडारण पर्याप्त मात्रा में हो जाये, ताकि कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा किया जा सके।

भारत सरकार ने इस वर्ष गेहूं के एमएसपी को बढ़ाया है। उल्लेखनीय है कि आरएमएस 2022-23 के लिये पिछले वर्ष गेहूं का एमएसपी 2015 रुपये/कुंतल था, जो अब बढ़ाकर 2125 रुपये/कुंतल कर दिया गया है। इस तरह एमएसपी में 110 रुपये/कुंतल की बढ़ोतरी के साथ-साथ अच्छे मौसमी हालात भी पैदा हुये, जिनके कारण यह आशा की जाती है कि अगले वर्ष के दौरान गेहूं का उत्पादन व खरीद सामान्य रहेगी। अगले वर्ष गेहूं की खरीद अप्रैल 2023 से आरंभ होगी। शुरूआती मूल्यांकन के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस बार गेहूं की बुवाई में भी काफी बढ़ोतरी देखी गई है।

भारत सरकार ने सुनिश्चित किया है कि केंद्रीय पूल में अनाज की उपलब्धता पर्याप्त रूप से बनी रहे, ताकि देशभर की सभी कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतें पूरी की जा सकें तथा कीमतें भी नियंत्रित रहें।

पिछले मौसम में गेहूं की खरीद यद्यपि कम हुई थी, क्योंकि उत्पादन कम हुआ था और भू-राजनैतिक परिस्थिति के चलते किसानों ने खुले बाजार में एमएसपी से अधिक कीमत पर अपनी उपज बेची थी। इसके बावजूद गेहूं की अगली फसल के आने तक देश की जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय पूल में गेहूं का पर्याप्त भंडार मौजूद रहेगा।

***

Related Posts

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव और व्यवस्थाओं को सुव्यवस्था में बदलने में सक्षम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

विश्व में देश की विशिष्ट पहचान बनाने में आईएएस अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका सर्विस मीट का विचार मंथन नए दौर के नए मध्यप्रदेश के निर्माण में सहायक मुख्यमंत्री ने म.प्र.…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया दैनिक जशपुरांचल की रजत जयंती स्मारिका का विमोचन

  0जशपुर के अनेक वरिष्ठ नेतागण एवं पत्रकार गण भी रहे शामिल रायपुर 20 दिसम्बर 2024/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में दैनिक…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *