
नई दिल्ली । टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने ताइवान की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी पेगाट्रॉन की भारत में स्थित एकमात्र आईफोन फैक्ट्री का मेजोरिटी स्टेक खरीद लिया है। इस अधिग्रहण के बाद एक नया जॉइंट वेंचर बनाया जाएगा, जिससे टाटा की स्थिति एप्पल के एक प्रमुख सप्लायर के रूप में और मजबूत होगी।
रिपोर्ट के अनुसार इस सौदे के तहत टाटा के पास 60% हिस्सा होगा और वह संयुक्त उद्यम का दैनिक संचालन करेगा, जबकि पेगाट्रॉन के पास 40% हिस्सा होगा और वह तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। हालांकि, सौदे की वित्तीय जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
इससे पहले अप्रैल में जानकारी मिली थी कि पेगाट्रॉन एप्पल के समर्थन से भारत में अपनी एकमात्र आईफोन फैक्ट्री को टाटा को बेचने के लिए एडवांस टॉक्स कर रहा है। यह ताइवानी फर्म द्वारा एप्पल के साथ अपनी साझेदारी को कम करने का एक और कदम है।
एप्पल तेजी से अपने सप्लाई चेन को चीन से बाहर लाने की कोशिश कर रहा है, जिससे भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग का महत्व बढ़ गया है। चेन्नई में स्थित पेगाट्रॉन की फैक्ट्री टाटा के आईफोन निर्माण के लिए एक बड़ा सहारा साबित हो सकती है। टाटा भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक है और तेजी से आईफोन मैन्युफैक्चरिंग में विस्तार कर रहा है। इस अधिग्रहण के बाद टाटा भारत में तीन आईफोन फैक्टरियों का संचालन करेगा।
भारत में आईफोन की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस साल भारत से करीब 20-25% आईफोन दुनियाभर में भेजे जाएंगे। यह पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा है। इससे पहले, भारत में केवल फॉक्सकॉन कंपनी ही आईफोन बनाती थी। अब टाटा के आने से भारत में आईफोन का उत्पादन बढ़ेगा और इससे भारत की अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो सकता है।