रायगढ़ – सामाजिक समरसता मंच द्वारा नगर के होटल आशिर्वाद में बाबा गुरू घासीदास जी के संदेशों वाले कैलेंडर का विमोचन किया गया। इस अवसर पर नगर के सभी समाज के गणमान्य लोगों ने उपस्थित होकर संत शिरोमणि के सामाजिक योगदान और मानव जीवन हेतु दिए गए संदेशों की व्याख्या की, जिसमें उनके द्वारा दिए गए संदेशों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मानव जीवन हेतु प्रासंगिक बताया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ बाबा गुरु घासीदास और भारत माता के तैल चित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात् सभी विद्वजन द्वारा बाबा को नमन प्रेषित कर किया गया। उसके पश्चात् अतिथियों का परिचय सभा से बेहरा समाज के प्रदेश महासचिव रमेश बेहरा द्वारा कराया गया। उसके पश्चात् बाबा गुरु घासीदास का एक उपदेश ’सत्य ही मानव का आभूषण है’ पर पटनायक समाज के संरक्षक तमनार के विजय शंकर पटनायक द्वारा व्याख्यान दिया गया, जिसका सार कुछ इस प्रकार निकलकर आता है कि व्यक्ति से व्यक्ति के एकीकरण से ही समाज का निर्माण होता है और समाज के एकीकरण से राष्ट्र का निर्माण होता है। अर्थात् व्यक्ति, राष्ट्र और समाज की पहली इकाई है। इसलिए उसके व्यक्तित्व निर्माण के नींव में सत्य की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है और उसी से समाज व राष्ट्र दोनों के लिए एक उत्कृष्ट चरित्र के व्यक्तित्व वाला व्यक्ति प्राप्त होता है। वहीं उनके दूसरे उपदेश ’मनखे-मनखे एक समान’ की व्याख्या भी श्री पटनायक ने की, जिसका अर्थ कुछ इस प्रकार से निकल कर आता है कि मानव जीवन को प्राप्त करने वाला हर व्यक्ति एक समान होता है, उक्त संदेश का सार यह है कि श्रीमद् भवत गीता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि मैं सब में हूँ और सब मुझ में अर्थात् ईश्वर की सत्ता हर व्यक्ति में है। यही कारण है कि हर व्यक्ति समान है। समाज को सन्मार्ग दिखाने वाले बाबा गुरू घासीदास जी भी वही कहते हैं। क्योंकि भारत भूमि पर अवतरित होने वाले संतों ने सनातन जीवन में आए दोष को दूर करने हेतु समय-समय पर आत्म साक्षात्कार करने के पश्चात् समाज को मार्ग दिखाने का कार्य किया है। उसी तारतम्यता में ब्रह्मरूप को प्राप्त कर चुके बाबा गुरू घासीदास जी द्वारा भी अपने जीवन काल में समाज से कटूता को दूर करने और समाज को एक सूत्र में बांधकर वैभवशाली राष्ट्र के निर्माण में हर व्यक्ति के योगदान को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उपदेश दिए गए। जिसका उदाहरण मिलता है कि जब बाबा गुरू घासीदास जी ने मनखे-मनखे एक समान वाले उपदेश को दिया था, तब अनेकों समाज के लोग उनके अनुयायी बन गये और उनके बताए हुए रास्ते पर चलने लगे। वस्तुतः वक्तागण के वक्तव्यों का सार यह रहा कि बाबा के उपदेशों का मूल, समाज की एकता और समरसता से जुड़ा हुआ है और बाबा जी द्वारा दिए गए उपदेश समाज को जोड़कर रखने के लिए एक सशक्त उपकरण हैं। तत्पश्चात् कैलेंडर का विमोचन किया गया। उसके पश्चात् ब्राह्मण समाज के जिलाध्यक्ष बृज किशोर शर्मा ने सभा के प्रति आभार व्यक्त किया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से विजय शंकर पटनायक, विनोद अग्रवाल, देवेंद्र प्रताप सिंह, मोहन कुर्रे, सुरेंद्र पाल, प्रदीप श्रृंगी, बृज किशोर शर्मा, वीरेंद्र मंगल, बाबूलाल चंद्रा, रवि मिरी, प्रदीप मिरी, नवीन गोयल, रमेश बेहरा, सुनील शर्मा, छतराम राठौर, मकरंद गुप्ता, दिलीप मोडक सहित नगर के दर्जनों गणमान्य जन उपस्थित रहे।
प्रथम अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस पर केन्द्रीय जेल रायपुर में ध्यान एवं योग शिविर का आयोजन
रायपुर, 21 दिसंबर 2024/ केन्द्रीय जेल रायपुर में आज प्रथम अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर ध्यान एवं योग शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का संचालन योग आयोग…