गाजियाबाद/रायपुर. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को ‘‘गलत संदर्भ’’ में दिखाते हुए एक समाचार प्रसारित करने के मामले में टेलीविजन समाचार प्रस्तोता रोहित रंजन को उनके घर से गिरफ्तार करने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस का एक दल मंगलवार सुबह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद पहुंचा, लेकिन उन्हें नोएडा पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ की पुलिस निजी समाचार चैनल ‘जी न्यूज’ के समाचार प्रस्तोता रंजन के गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित घर पर तड़के पहुंची और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित उत्तर प्रदेश के नोएडा का पुलिस दल इसके कुछ घंटे बाद उनके घर पहुंचा. अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस सुबह करीब 5:30 बजे पहुंची, वहीं स्थानीय गाजियाबाद पुलिस एक घंटे बाद पहुंची और नोएडा पुलिस वहां सुबह आठ बजे के बाद पहुंची.
नोएडा पुलिस के एक अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘एक जुलाई को रंजन के शो के दौरान प्रसारित हुए छेड़छाड़ वाले वीडियो को लेकर उनके ही चैनल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (सार्वजनिक शरारत करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसी प्राथमिकी के संबंध में नोएडा सेक्टर 20 पुलिस थाने के एक दल ने उन्हें मंगलवार सुबह पूछताछ के लिए उनके घर से हिरासत में लिया.’’
इस बीच, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की शिकायत पर रविवार को रंजन और जी न्यूज के अन्य र्किमयों के खिलाफ विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.
यादव ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि जिस वीडियो में राहुल ने उनके वायनाड कार्यालय में तोड़-फोड़ करने वालों को बच्चे बताया था और कहा था कि उनके मन में उनके लिए कोई दुर्भावना नहीं है, उसे टीवी चैनल ने एक जुलाई को ‘‘शरारतपूर्ण ढंग से’’ इस्तेमाल किया और इस तरह से दिखाया कि राहुल उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल के हत्यारों को माफ करने की बात कर रहे हैं.
रंजन के खिलाफ दर्ज शिकायत के मामले में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों की पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पहुंच गई. इस बीच, गाजियाबाद पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि स्थानीय शहर पुलिस इस मामले में शामिल नहीं है.
रंजन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य की पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘छत्तीसगढ़ पुलिस स्थानीय पुलिस को जानकारी दिए बिना मुझे गिरफ्तार करने के लिए मेरे घर के बाहर खड़ी है, क्या यह कानूनन सही है? ’’ रायपुर पुलिस ने रंजन के ट्वीट के जवाब में कहा,‘‘ सूचित करने का कोई नियम नहीं है. फिर भी, अब उन्हें सूचित कर दिया गया है. पुलिस दल ने आपको अदालत का गिरफ्तारी वारंट दिखाया है. आपको जांच में सहयोग करना चाहिए और अदालत में अपना बचाव करना चाहिए.’’
राहुल गांधी के बयान को ‘‘गलत संदर्भ’’ में दिखाने के मामले में रंजन के खिलाफ रायपुर में प्राथमिकी दर्ज की गई है. छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई, और डीएसपी स्तर के एक अधिकारी के नेतृत्व में आए दल के एक सदस्य ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने अवरोध डाला. उन्होंने दावा किया कि गाजियाबाद पुलिस ने रंजन को उनके घर से ले जाकर कानूनी प्रकिया में हस्तक्षेप किया और फिर बाद में बताया गया कि नोएडा पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया गया है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने रायपुर में सिविल लाइन्स थाने में रोहित रंजन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है. हमारे पास गिरफ्तारी वारंट और अदालत का आदेश है. हम सुबह उसी बाबत यहां आये थे, लेकिन 12 घंटे के बाद भी यहां की पुलिस (गाजियाबाद और नोएडा की) हमें रोहित रंजन के बारे में नहीं बता रही कि वह कहां हैं.’’ इससे पहले, रंजन ने अपने टीवी कार्यक्रम में गांधी के बयान को ‘‘गलत संदर्भ में’’ उदयपुर हत्याकांड से ‘‘गलती से’’ जोड़कर दिखाने के लिए दो जुलाई को माफी मांगी थी. इससे एक दिन पहले कार्यक्रम प्रसारित किया गया था.
रंजन ने ट्वीट किया था, ‘‘हमारे शो डीएनए में राहुल गांधी का बयान उदयपुर की घटना से जोड़कर गलत संदर्भ में चल गया था. यह एक मानवीय भूल थी, जिसके लिए हमारी टीम क्षमाप्रार्थी है. हम इसके लिए खेद जताते हैं.’’ भाजपा नेताओं समेत कई लोगों ने गलत संदर्भ में दिखाए गए इस वीडियो का इस्तेमाल राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की नृशंस हत्या की घटना के मद्देनजर गांधी और कांग्रेस पर हमला करने के लिये किया था.
राहुल गांधी का वीडियो ‘‘गलत संदर्भ’’ में दिखाने के मामले में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और रायपुर, उत्तर प्रदेश के नोएडा और राजस्थान में कुछ जगहों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कांग्रेस विधायक यादव ने जी न्यूज के निदेशक, अध्यक्ष और इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ भी साम्प्रदायिक दंगे भड़काने और सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के इरादे से राहुल गांधी के खिलाफ फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया है.