नयी दिल्ली. केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को चेतावनी दी है कि यदि वह ग्रामीण आवास योजना पर अमल करने में नाकाम रही, तो केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय इसकी अन्य परियोजनाओं को वित्तीय समर्थन देने पर दोबारा विचार करने के लिए मजबूर हो जाएगा.
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) को मार्च 2024 तक ‘सभी के लिए आवास’ प्रदान करने के उद्देश्य से एक अप्रैल, 2016 से लागू किया गया है. छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को लिखे पत्र में ग्रामीण विकास सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने उल्लेख किया कि राज्य सरकार ने इस संबंध में कई पत्रों और बैठकों के बावजूद संतोषजनक प्रगति नहीं दिखाई है.
सिन्हा ने पत्र में कहा, ‘‘यदि राज्य पीएमएवाई-जी को लागू करने में असमर्थ है, तो मंत्रालय को अन्य प्रमुख ग्रामीण विकास (मंत्रालय) योजनाओं/कार्यक्रमों के लिए अपने समर्थन पर पुर्निवचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.’’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय के विभिन्न स्तरों से छत्तीसगढ़ सरकार के साथ कई दौर के संचार के बावजूद इसने न तो संतोषजनक प्रगति दिखाई है और न ही 562 करोड़ रुपये के राज्य के हिस्से को जारी किया है, जिसके परिणामस्वरूप पीएमएवाई-जी का काम रुका हुआ है.
सिन्हा ने इस बात को रेखांकित किया कि राज्य सरकारों द्वारा इस योजना को जमीनी स्तर पर लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2020-21 में राज्य के हिस्से की राशि को जारी करने में कठिनाई के कारण आवंटित 6.48 लाख घरों में से अधिकांश को वापस ले लिया.