करसा गांव से ’मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ’ यात्रा की हुई शुरूआत – IMNB NEWS AGENCY

करसा गांव से ’मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ’ यात्रा की हुई शुरूआत

रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पहल पर प्रदेश की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर जागरूक करने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा शुरू की गई है.
मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा की शुरूआत दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के करसा गांव से हुई. मुख्यमंत्री बघेल ने हरेली तिहार के अवसर पर गुरूवार को करसा गांव से ’मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. शुभारंभ के पहले दिन यह रथ मुख्यमंत्री बघेल के विधानसभा क्षेत्र ग्राम करसा, जामगांव एम और अमलेश्वर पहंुचा और महिलाओं को जागरूक किया.

प्रारंभिक चरण में महतारी न्याय रथ दुर्ग जिले के महिला बाल विकास विभाग के आठ सेक्टरों में भ्रमण करेगा. यात्रा के दूसरे दिन महतारी न्याय रथ दुर्ग जिले के तेलीगुंडरा, असोगा, रानीतराई और झीठ गांव पहुंचा और महिलाओं को उनके विधिक अधिकारों से जागरूक कराया. इसके बाद न्याय रथ जिले के दरबारमोखली, जामगांव आर, गाडाडीह और सेलूद पहुंचेगा.

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. नायक ने बताया कि रथ के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय विधिक जागरूकता पर बनी चयनित और पुरस्कृत लघु फिल्में दिखाई जाएंगी. यह रथ गांव-गांव में भ्रमण कर महिलाओं के कानूनी प्रावधानों और उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में अवगत कराएगा. इसके लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पुरस्कृत कानून संबंधी फिल्में उपलब्ध कराई गई हैं. इनमें मुख्य रूप से भोर के किरण (टोनही प्रताड़ना), नन्ही परी (भ्रूण हत्या), कैसे कहूं ना (नशामुक्ति), ‘‘बोलते दरख्त’’ (मानव तस्करी), भंवर (साइबर क्राइम), खुशी (पास्को एक्ट, घरेलु हिंसा गुडटच, बैडटच), फुलवा (घरेलु हिंसा और नशा), ‘‘अधिकार किसका’’ (प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण, दहेज प्रताड़ना), सार्थक (बालश्रम और बंधवा मजदूरी) फिल्में शामिल हैं. इसके साथ ही स्त्री शिक्षा, नाबालिकों का विवाह और उनका घर से भाग जाना जैसे विषयों को भी इसमें शामिल किया गया है.

डॉ. नायक ने बताया कि प्रथम चरण में न्याय रथ प्रदेश के नौ जिलों में जाएगा. महतारी न्याय रथ का संचालन जिलों को प्राप्त डीएमएफ राशि से किया जा रहा है. इस अभियान के तहत महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता भी दी जाएगी. प्रत्येक महतारी न्याय रथ में 2 अधिवक्ता भी होंगे, जो महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उन्हें जानकारी और सलाह देंगे. न्याय रथ के माध्यम से महिलाएं आवेदन भी दे सकेंगी. प्राप्त आवेदनों का महिला आयोग द्वारा निराकरण किया जाएगा. इसके लिए प्रदेश सरकार ने डीएमएफ पॉलिसी में विशेष बदलाव किए हैं.

  • Related Posts

    राष्ट्रीय स्तर की ‘लखपति महिला पहल’ क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन 9 से 11 जुलाई तक राजधानी रायपुर में

    *11 राज्यों के अधिकारी एवं आजीविका विशेषज्ञ होंगे शामिल* *महिला उद्यमिता को मिलेगा नया आयाम* रायपुर 8 जुलाई 2025/ भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा “लखपति दीदी” बनाने की…

    Read more

    स्वतंत्रता दिवस के गरिमामय आयोजन हेतु मुख्यमंत्री करेंगे ध्वजारोहण एवं जनता के नाम संदेश का प्रसारण ने जारी किए दिशा-निर्देश,

    स्वतंत्रता दिवस के गरिमामय आयोजन हेतु शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश *राजधानी रायपुर में होगा मुख्य समारोह* *मुख्यमंत्री करेंगे ध्वजारोहण एवं जनता के नाम संदेश का प्रसारण* रायपुर 08 जुलाई…

    Read more

    You Missed

    प्रधानमंत्री आवास योजना से संवरा जीवन, प्रतिमा बाई सिदार की संघर्ष से सफलता तक की प्रेरक यात्रा

    प्रधानमंत्री आवास योजना से संवरा जीवन, प्रतिमा बाई सिदार की संघर्ष से सफलता तक की प्रेरक यात्रा

    दलदली में सुशासन तिहार का असर दिखा, कलेक्टर ने की 2,346 आवेदनों की समीक्षा

    दलदली में सुशासन तिहार का असर दिखा, कलेक्टर ने की 2,346 आवेदनों की समीक्षा

    राष्ट्रीय स्तर की ‘लखपति महिला पहल’ क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन 9 से 11 जुलाई तक राजधानी रायपुर में

    राष्ट्रीय स्तर की ‘लखपति महिला पहल’ क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन 9 से 11 जुलाई तक राजधानी रायपुर में

    बारिश के मौसम को देखते हुए संबधित विभाग आवश्यक तैयारियां रखें : डॉ गौरव सिंह

    बारिश के मौसम को देखते हुए संबधित विभाग आवश्यक तैयारियां रखें : डॉ गौरव सिंह

    शिक्षक की व्यवस्था हो जाने से एकल शिक्षकीय विद्यालय कदमझेरिया के विद्यार्थियों का संवरेगा भाग्य

    शिक्षक की व्यवस्था हो जाने से एकल शिक्षकीय विद्यालय कदमझेरिया के विद्यार्थियों का संवरेगा भाग्य

    शासन की नीति से प्रभावित होकर नक्सलवाद छोड़ा, आत्मसमर्पण से आत्मनिर्भरता तक का सफर

    शासन की नीति से प्रभावित होकर नक्सलवाद छोड़ा, आत्मसमर्पण से आत्मनिर्भरता तक का सफर