Thursday, October 10

हरेली से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा की होगी शुरूआत

रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पहल पर हरेली पर्व से प्रदेश की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर जागरूक करने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा की शुरूआत की जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हरेली के दिन मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. यह रथ सभी जिलों में भ्रमण कर लोगों को शॉर्ट फिल्मों, संदेशों और ब्रोशर के माध्यम से महिलाओं के कानूनी प्रावधानों और उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में अवगत कराएगा.

मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा राज्य महिला आयोग के माध्यम से संचालित की जाएगी. प्रत्येक महतारी न्याय रथ में 2 अधिवक्ता भी होंगे, जो महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उन्हें जानकारी और सलाह देंगे. न्याय रथ के माध्यम से महिलाएं आवेदन भी दे सकेंगी, जिससे महिला आयोग द्वारा उनकी समस्याओं का निराकरण किया जा सके. एक बड़ी एलईडी स्क्रीन होगी, जिसमें छत्तीसगढ़ी और हिंदी भाषा में विभिन्न कानूनों संबंधित राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत लघु फिल्में दिखाई जाएंगी. महतारी न्याय रथ के संचालक के लिए प्रदेश सरकार ने डीएमएफ पॉलिसी में विशेष रूप से बदलाव किए हैं. न्याय रथ के संचालन के लिए जिले को मिलने वाली डीएमएफ राशि का उपयोग किया जाएगा.

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि शिक्षित, अशिक्षित, गृहणी, नौकरी कर रही सभी महिलाओं को महिला आयोग के कार्योें और महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों, नियमों और उनके अधिकारों को जानना बहुत जरूरी है. इसके लिए हरेली तिहार से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ की शुरूआत की जा रही है. इन महतारी न्याय रथों के माध्यम से लोगों को बताया जाएगा कि महिलाएं अपनी समस्याओं के समाधान के लिए और निःशुल्क तथा त्वरित न्याय पाने के लिए किस तरह सरलता और सुगमता से महिला आयोग में आवेदन कर सकती हैं. यह रथ शुरूआत में खनिज न्यास निधि प्राप्त करने वाले नौ जिलों में पहले जाएगा, उसके बाद रथ प्रदेश के बाकी बचे जिलों के भ्रमण पर जाएगा.

नायक ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की माताओं और बहनों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बीते साढ़े तीन वर्षों में राज्य सरकार ने विभिन्न स्तरों पर अनेक योजनाएं संचालित की हैं. हमारी इन योजनाओं की सफलता पूरे देश में उदाहरण बनी है. अब एक कदम और बढ़ते हुए एक और नयी योजना की शुरुआत की जा रही हैं. यह योजना भी देश में अपनी तरह की एकमात्र योजना होगी. इससे महिलाएं जागरूक होंगी और उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा. महिलाओं को कानूनी अधिकारों की जानकारी से राज्य में महिलाओं के साथ होने वाली अपराधों में कमी आएगी.

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