Wednesday, October 16

भारत सरकार के उपभोक्ता कार्य विभाग ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर मशहूर‍ हस्तियों, इन्‍फ्लुएंसरों एवं वर्चुअल इन्‍फ्लुएंसरों के लिए हाल में जारी दिशानिर्देश पर इन्‍फ्लुएंसरों, सामग्री के रचनाकारों और उनकी एजेंसियों के साथ मुंबई में एक राउंड टेबल परिचर्चा का आयोजन किया

भारत सरकार के उपभोक्ता कार्य विभाग ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर मशहूर‍ हस्तियों, इन्‍फ्लुएंसरों एवं वर्चुअल इन्‍फ्लुएंसरों के लिए हाल में जारी दिशानिर्देश पर इन्‍फ्लुएंसरों, सामग्री के रचनाकारों और उनकी एजेंसियों के साथ मुंबई में एक राउंड टेबल परिचर्चा का आयोजन किया

प्रविष्टि तिथि: 19 APR 2023 6:48PM by PIB Delhi

उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग कंपनियों के लिए एक स्व-नियामकीय संस्‍था स्‍थापित करने और सामग्री के रचनाकारों अथवा इन्फ्लुएंसरों को मान्यता देने के लिए उद्योग के साथ मिलकर एक कार्यक्रम तैयार करने का सुझाव दिया

 

विभाग ने उपभोक्‍ताओं की राय को आकार देने में इन्‍फ्लुएंसरों की महत्‍वपूर्ण भूमिका को माना और पारदर्शिता, निष्‍ठा एवं व्यावसायिकता की आवश्यकता पर पर जोर दिया

 

एंडोर्समेंट दिशानिर्देशों के लिए ‘विज्ञापन’, ‘प्रायोजित’, ‘कोलैबोरेशन’ अथवा ‘पेड प्रमोशन’ जैसे शब्दों के साथ एंडोर्समेंट के लिए स्पष्ट, महत्‍वपूर्ण एवं अनिवार्य खुलासे की जरूरत होती है

 

एंडोर्समेंट दिशानिर्देश पारंपरिक मीडिया से इतर विज्ञापनों के विस्‍तार के साथ तेजी से उभर रही डिजिटल दुनिया पर केंद्रित हैं जो उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापनों के प्रति संवेदनशील बनाते हैं

 

इन्‍फ्लुएंसरों और मशहूर हस्तियों को केवल उन्‍हीं उत्पादों या सेवाओं का प्रचार करना चाहिए जिनका उन्होंने खुद उपयोग अथवा अनुभव किया हो और जिनके लिए उचित जांच-परख की हो

 

इन्‍फ्लुएंसरों और ब्रांडों के बीच एक मॉडल मसौदा समझौता होना आवश्यक है

 

इन्फ्लुएंसरों एवं सामग्री के रचनाकारों को सशक्‍त बनाना उपभोक्ता कार्य विभाग की शीर्ष प्राथमिकता है

 

उपभोक्ता कार्य विभाग का उद्देश्य एक जिम्मेदार एवं टिकाऊ उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इन्‍फ्लुएंसरों, सामग्री के रचनाकारों और एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना है

 

विभाग ने शैक्षिक संसाधन विकसित करने के लिए रचनाकारों, इन्‍फ्लुएंसरों, इन्‍फ्लुएंसर मार्केटिंग कंपनियों और उद्योग के साथ तालमेल स्‍थापित करने की योजना बनाई है ताकि इन्‍फ्लुएंसरों एवं रचनाकारों को ‘क्या करें’ और ‘क्या न करें’ के बारे में जागरूक किया जा सके

 

रचनाकारों, इन्‍फ्लुएंसरों, एजेंसियों और उद्योग ने इस बातचीत का स्वागत किया और उन्‍होंने माना कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में इन्‍फ्लुएंसर मार्केटिंग का महत्वपूर्ण योगदान है

 

यह राउंड टेबल परिचर्चा एक पारदर्शी एवं जिम्मेदार इन्‍फ्लुएंसर मार्केटिंग उद्योग को बढ़ावा देने, उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करने और रचनाकारों एवं इन्‍फ्लुएंसरों को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है

 

भारत सरकार के उपभोक्ता कार्य विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मशहूर हस्तियों, इन्‍फ्लुएंसरों और वर्चुअल इन्‍फ्लुएंसरों के लिए हाल में जारी दिशानिर्देशों पर इन्‍फ्लुएंसरों, सामग्री के रचानाकारों और उनकी एजेंसियों के साथ एक राउंड टेबल परिचर्चा का आयोजन किया। ‘एंडोर्समेंट्स नो-हाउ!’ शीर्षक के तहत जारी दिशानिर्देशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उत्पादों अथवा सेवाओं का प्रचार करते समय कोई अपने दर्शकों को गुमराह न कर सके और वे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम एवं उससे संबंधित नियमों अथवा दिशानिर्देशों का अनुपालन करें। इस राउंड टेबल परिचर्चा का आयोजन मुंबई में 19 अप्रैल, 2023 को सुबह 10:30 बजे किया गया।

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इस राउंड टेबल परिचर्चा की अध्यक्षता भारत सरकार के उपभोक्‍ता कार्य विभाग में सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने की। उन्होंने नियमों एवं कानूनों के संबंध में इन्‍फ्लुएंसरों एवं रचनाकारों के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने उपस्थित लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार की मंशा रचनात्‍मकता अथवा इस उद्योग को दबाना नहीं, बल्कि रचनात्मकता एवं व्यवसाय को बाधित किए बिना उपभोक्ता हितों की रक्षा करना है। श्री सिंह ने इन्‍फ्लुएंसर मार्केटिंग कंपनियों के लिए एक स्व-नियामकीय ढांचा स्‍थापित करने और रचनाकारों अथवा इन्‍फ्लुएंसरों को मान्‍यता देने के लिए उद्योग के साथ मिलकर एक कार्यक्रम शुरू करने का सुझाव दिया।

श्री सिंह ने इन्‍फ्लुएंसरों और रचनाकारों को दिशानिर्देशों को बेहतर ढंग से समझने और उनका पालन करने में मदद करने के लिए दिशानिर्देश एवं एफएक्‍यू यानी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न जैसे संसाधनों को विकसित एवं प्रसारित करने के लिए उद्योग और इन्‍फ्लुएंसर मार्केटिंग कंपनियों के बीच साझेदारी की संभावनाएं तलाशने पर भी जोर दिया। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उपभोक्ताओं की राय और खरीदारी संबंधी निर्णय को आकार देने में इन्‍फ्लुएंसरों एवं रचनाकारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह उद्योग लगातार विकास कर रहा है और ऐसे में सभी हितधारकों के लिए यह जरूरी है कि वे इन्‍फ्लुएंसर मार्केटिंग में उच्च स्तर की पारदर्शिता, निष्‍ठा एवं व्यावसायिकता बनाए रखने के लिए मिलकर काम करें।

भारत सरकार के उपभोक्‍ता कार्य विभाग में संयुक्‍त सचिव श्री अनुपम मिश्र ने हाल में जारी दिशानिर्देशों और प्रचार संबंधी तकनीकी जानकारी पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि विभाग दिशानिर्देशों और उनके कार्यान्वयन पर प्रतिक्रिया देने के लिए इन्‍फ्लुएंसरों, सामग्री के रचनाकारों और उनकी एजेंसियों को प्रोत्साहित कर रहा है। उनकी प्रति‍क्रिया से विभाग को सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने और आवश्‍यक संशोधन करने में मदद मिलेगी। इसे दिशानिर्देशों को उपभोक्ता हितों की रक्षा करने एवं एक जिम्मेदार इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग प्रथा को बढ़ावा देने के लिए प्रासंगिक एवं प्रभावी बरकरार रखा जा सकेगा।

भारतीय विज्ञापन मानक परिषद की सीईओ मनीषा कपूर ने डिजिटल प्लेटफॉर्मों से आह्वान किया कि वे विज्ञापन एवं इन्‍फ्लुएंसर ढांचे की जिम्मेदारी लें। उन्होंने इन्‍फ्लुएंसरों और ब्रांडों के बीच एक मॉडल मसौदा समझौता करने का भी सुझाव दिया और प्‍लेटफॉर्मों से आग्रह किया कि वे अपने सामुदायिक दिशानिर्देशों में भ्रामक विज्ञापनों के लिए दिशानिर्देशों को शामिल करें।

उद्योग ने प्‍लेटफॉर्म खुला टूल्‍स की पहचान के बारे में चिंता जताई और सोशल मीडिया पर ऑडियो एवं वीडियो विज्ञापन पर स्पष्टीकरण की मांग की। उन्‍होंने इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग उद्योग के व्‍यापक दायरे को देखते हुए प्रवर्तन में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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रचनाकारों, इन्‍फ्लुएंसरों, एजेंसियों और उद्योग ने इस बातचीत का स्वागत किया। उन्‍होंने माना कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इन्‍फ्लुएंसर मार्केटिंग का महत्वपूर्ण योगदान है। इस बैठक के प्रमुख निष्‍कर्षों एवं सुझावों में रचनाकारों एवं इन्‍फ्लुएंसरों द्वारा खुद उचित देखभाल करने एवं सावधानी बरतने की बात शामिल थी। उन्होंने उम्‍मीद जताई कि विनियमन से यह उद्योग को कहीं अधिक मजबूत और सशक्त बनेगा।

उद्योग ने इन्‍फ्लुएंसरों एवं रचनाकारों के लिए शिक्षा के महत्व को माना और विज्ञापन में इन्‍फ्लुएंसर मार्केटिंग की भूमिका को स्‍वीकार किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सामग्री में ऐसे खुलासे होने चाहिए जो उपभोक्ताओं के लिए कठिन न हो। उन्‍होंने रचनाकारों को सशक्‍त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

तेजी से उभर रही डिजिटल दुनिया के मद्देनजर एंडोर्समेंट को ‘विज्ञापन’, ‘प्रायोजित’, ‘कोलैबोरेशन’ अथवा ‘पेड प्रोमोशन’ जैसे शब्‍दों का उपयोग करते हुए सरल एवं स्‍पष्‍ट भाषा में होने की आवश्‍यकता को देखते हुए ये दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। लोगों को ऐसे किसी भी उत्पाद या सेवा का प्रचार नहीं करना चाहिए जिसका उन्होंने व्यक्तिगत रूप से उपयोग या अनुभव नहीं किया है अथवा जिसके लिए उचित जांच-परख न किया गया हो। एंडोर्समेंट के संदेश में स्पष्ट, महत्‍वपूर्ण एवं अनिवार्य खुलासे अवश्‍य होने चाहिए।

ये दिशानिर्देश उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुरूप हैं, जिसके तहत अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं। उपभोक्ता कार्य विभाग ने 9 जून, 2022 को भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम एवं भ्रामक विज्ञापनों के एंडोर्समेंट के लिए दिशानिर्देश, 2022 प्रकाशित किए थे। उसमें वैध विज्ञापनों के मानदंड और विनिर्माताओं, सेवा प्रदाताओं, विज्ञापनदाताओं एवं विज्ञापन एजेंसियों की जिम्मेदारियों को रेखांकित किया गया है।

यह राउंड टेबल परिचर्चा एक पारदर्शी एवं जिम्मेदार इन्‍फ्लुएंसर मार्केटिंग उद्योग को बढ़ावा देने, उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करने और रचनाकारों एवं इन्‍फ्लुएंसरों को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस राउंड टेबल परिचर्चा के बाद भारत सरकार के उपभोक्ता कार्य विभाग ने इन्‍फ्लुएंसर मार्केटिंग उद्योग में पारदर्शिता, अनुपालन एवं वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इन्‍फ्लुएंसरों, रचनाकारों और उनकी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। परिचर्चा के दौरान चिंताओं को दूर करने के लिए सभी हितधारकों के बीच सहयोग एवं बातचीत को जारी रखने की आवश्‍यकता को उजागर किया गया ताकि उपभोक्‍ताओं एवं रचनाकारों यानी दोनों के फायदे के लिए एक जिम्‍मेदार एवं टिकाऊ उद्योग को बढ़ावा मिल सके।

इस राउंड टेबल परिचर्चा में भाग लेने वाले इन्‍फ्लुएंसरों में अंचल अग्रवाल, प्रसाद वेद पाठक, राकेश तिवारी और कुशाग्र तायल शामिल थे। इस कार्यक्रम में वन डिजिटल एंटरटेनमेंट के गुरप्रीत सिंह, बिग बैंग सोशल के ध्रुव चितग्रोपेकर, टैग वन के जलक रावल, कंफ्लुएंस के रितेश उज्ज्‍वल, बारकोड एंटरटेनमेंट के अजय कुलकर्णी, इन्फ्लुएंसर डॉट इन के सुनील चावला, मॉन्‍क एंटरटेनमेंट के विराज सेठ, युवा के केविन ली और एडक्‍सपर्ट श्वेता पुरंदरे ने भी भाग लिया।

उपभोक्ता कार्य विभाग आने वाले महीनों में ऐसी कई राउंड टेबल परिचर्चा आयोजित करने की योजना बना रहा है। ये कार्यक्रम इन्‍फ्लुएंसरों, रचनाकारों और उनकी एजेंसियों को सवाल पूछने, किसी मुद्दे को स्‍पष्‍ट करने और दिशानिर्देशों को लागू करने के सर्वोत्‍तम प्रथाओं एवं अपने अनुभवों को साझा करने का अवसर प्रदान करेंगे।

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