रायपुर 16 अगस्त 2024/ कभी संसाधन छोटा या बड़ा नहीं होता न ही कोई प्रतियोगी परीक्षा बड़ी नहीं होती। यदि सकारात्मक भाव से दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम करेगें तो सफलता अवश्य मिलेगी और एक दिन देश और प्रदेश का नाम ऊँचा करेंगे। यह बात कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह ने गुजराती उच्चतर माध्यमिक शाला के छात्रसंघ परिषद के शपथ ग्रहण समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही। कलेक्टर ने इस समारोह में छात्र परिषद के विभिन्न पदाधिकारियों को शपथ दिलाई और विद्यालय के हित में निरंतर काम करने का आव्हान किया।
डाॅ. गौरव सिंह ने कहा कि गुजराती शिक्षण संस्थान ऐसी शिक्षण संस्थान है जो समाज के हित में अनुकरणीय कार्य कर रही है। मुझे बताया गया कि यहां न्यूनतम शुल्क में मध्यम और निर्धन बच्चों को शिक्षण दी जाती है। इस संस्थान के प्रबंधन के सदस्यों को दोहरी जिम्मेदारी है जो व्यक्तित्व के साथ साथ समाज राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहें हैं। यह बहुत सराहनीय है। डाॅ. सिंह ने शिक्षक, गुरू और आचार्य की व्याख्या करते हुए कहा कि यह एक-दूसरे के पर्यायवाची है, परन्तु इनमें गुरू शब्द सबसे महत्वपूर्ण है। इनमें सबकुछ समाहित है। उन्होंने भगवान राम, कृष्ण और महाभारत काल में द्रोणाचार्य का उद्धरण देते हुए कहा कि प्राचीनकाल से हम गुरू ही महिमा को बताते रहे है और गुरू-गोंविद दोनो में गुरू को प्रथम कहा गया है। अतः इनकी जिम्मेदारी सबसे अधिक है। वे अपने शिष्यों के पीछे मेहनत करते हैं और उन्हें नया रूप प्रदान करने में मार्गदर्शन देते हैं। इससे जो स्कूल के बच्चों के जो बेहतर परिणाम मिलेंगे उससे शिक्षण संस्थान के प्रबंधन का उत्साह दोगुना होगा और ऐसे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।