
आयोग के अब तक के सबसे बड़े जागरूकता एवं सुविधा संबंधी उपायों को और भी अधिक सुदृढ़ करने पर जोर
नई दिल्ली । भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में मतदान में मामूली गिरावट को दूर करने के लिए अपने मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के क्रम में अपनी पहल को तेज कर दिया है। अब तक पहले चरण में 66.14 प्रतिशत मतदान हुआ है और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ है। यह चुनाव में भागीदारी के भारतीय इतिहास की दृष्टि से बेहतर है, लेकिन 2019 में स्थापित उच्च मानक से कहीं न कहीं कम ही है। भारत निर्वाचन आयोग ने अपना सारा ध्यान मतदाताओं के मतदान प्रतिशत को बढ़ाने पर केंद्रित किया हुआ है।
निर्वाचन आयोग अगले पांच चरणों में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए सभी संभव क्रियाकलाप करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार, निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त श्री सुखबीर सिंह संधू के नेतृत्व में आयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन सदन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस उद्देश्य के लिए अतिरिक्त पहलों का नेतृत्व कर रहा है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार के नेतृत्व में व्यक्तिगत रूप से चलाए गए स्वीप अभियानों की एक उल्लेखनीय विशेषता प्रमुख विभागों, कंपनियों, मशहूर हस्तियों और संगठनों द्वारा नि:शुल्क सहयोग है। पिछले एक वर्ष के दौरान आयोग ने अपने प्रमुख कार्यक्रम सिस्टमैटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन (एसवीईईपी) को सशक्त रूप से संचालित किया है, जिसमें इसके तीनों हिस्सों सूचना, प्रेरणा और सुविधा को लोकसभा चुनावों से पहले और भी अधिक मजबूती से आगे बढ़ाया गया है। राज्यों और जिलों ने कम मतदान प्रतिशत वाले निर्वाचन क्षेत्रों को लक्षित करते हुए मतदान प्रतिशत बढ़ाने की योजना के तहत नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कई स्थानीय विशिष्ट क्रियाकलाप किए हैं। हाल के सप्ताह में देश भर में चले कुछ जन अभियानों के विवरण अनुलग्नक-ए में शामिल हैं।