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यूं तो पूरे छत्तीसगढ़ में पूरे देश की तरह भाजपा का बोलबाला दिख रहा है। चारों ओर मानो भाजपा का तराना गाया जा रहा है। बातचीत मे आमजन ये जता ही देते हैं कि छत्तीसगढ़ की 11 में से 11 सीटें भाजपा जीतेगी। लेकिन फिर भी हर पार्टी अपने आपको विनिंग बताकर मैदान में उतरती है। क्योंकि उसे अपना अस्तित्व भी तो बचाकर रखना होता है।
कहते हैं इस समय प्रदेश में कांग्रेस काफी हताशा में हैं और भाजपा क्लीन विक्ट्री लेगी, इसका अर्थ 11 मे 11 कहा जा सकता है। लेकिन राजनैतिक पण्डितों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी कुछ सीटों पर आशान्वित है। और इन पर जोर लगाकर अपनी कुछ सीटें पक्की करना चाहती है।
मसलन कांग्रेस पार्टी को इन तीन सीटों पर ज़रा आस बंधती है, थोड़ा बहुत ही सही अगर दांव लगाया जा सकता है तो वो सीटें हैं राजनांदगांव से भूपेश बघेल, कोरबा से श्रीमती ज्योत्सना महन्त, महासमुंद से ताम्रध्वज साहू।
कांकेर में दिखी मोदी के नाम की दीवानगी
कांकेर सीट से विधायक भोजराज नाग भाजपा के प्रत्याशी हैं। कांग्रेस से बीरेश ठाकुर हैं जो बहुत कम वोट से हारे थे।
पिछली 5 बार से ये सीट भाजपा के कब्जे में है। सोहन पोटाई, विक्रम उसेण्डी और मोहन मण्डावी सांसद रहे। एक धारणा ये भी बनती है कि सांसद कभी भी गंभीर नहीं रहे इस समय इस लोकसभा में 8 विधानसभाओं में 5 पर कांग्रेस और 3 पर भाजपा के विधायक हैं।
ये जानना दिलचस्प है कि कांकेर विधानसभा से सिर्फ 16 वोट से आसाराम विधायक बन पाए।
यहां की रेलवे की कमी और बिजली कटौती की मांग उठती है। लेकिन जहां बात देश की आती है तो जनता की सोच कुछ अलग दिखती है। चर्चा में मोदी का नाम बिना किसी संशय के छाया हुआ है और अन्य क्षेत्रों की तरह इस नाम की दीवानगी कायम है।
उद्योगों की कमी भी यहां जनता को खलती है। शायद यही कारण है कि सत्तासीन सांसद को एन्टी-इन्कमबैंसी का सामना करना पड़ता है और इसीलिये यहां हर पार्टी अपना प्रत्याशी बदल देती है क्योंकि सांसद काम नहीं करते।
दोनों दलों की हालत टाईट है
कांटे की फाईट है
आम जनता से, कुछ पत्रकारों से और इनमें भी विभिन्न तबके के लोगों से चर्चा करने से ये कहा जा सकता है कि भाजपा को जनता कुछ अधिक नंबर दे सकती है, फिर भी सीट पर फाईट है।
दिलचस्प ये भी है कि आम आदमी के प्रदेश अध्यक्ष ने अब भाजपा ज्वाईन कर ली है। जिन्हें 15 हजार वोट विधानसभा में पाए थे। ऐसे में उनका समर्थक भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है।
क्षेत्र की दमदार कांग्रेस नेत्री सावित्री मण्डावी के बेटे का एक्सीडेंट होने से ये सक्रिय नहीं है। वीरेश ठाकुर पिछली बार काफी कम वोट से हारे थे लेकिन पिछले पांच साल विशेष सक्रिय नहीं रहे। इससे कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
दूसरी ओर भाजपा मोदीजी के 400 पार के नारे को जमीन पर उतारने जीजान से लगी है। कई कांग्रेस नेता और आम आदमी के कई नेता भाजपा में आ गये हैं। ऐसे मे इस कांग्रेस के गढ़ में कांग्रेस को चुनौती मिल रही है।
भोजराज नाग स्वयं एक विशेष दर्जा रखते हैं क्षेत्र में। कहा जाता है कि वे झाड़फूंक से बीमारों को ठीक करने का काम करते हैं। यहां तक कहा जाता है कि उन पर माता आती है। इसलिये जनता उनका विशेष सम्मान करती है।
जबकि कवासी लखमा का दावा है कि कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद सीट कांग्र्रेस को जाएगी। खुले दिल से धन बांटने का वादा करते हैं महिलाओं को एक लाख, बेरोजगार को एक लाख और किसान को 72 हजार हर साल दिया जाएगा।
इस पर भाजपा के समर्थक आश्चर्य व्यक्त करते कहते हैं कि जब सारा पैसा इसी काम में लगा देंगे तो बिना पैसे के देश कैसे चलेगा।
लगता ऐसा है कि इस सीट मे भाजपा बड़ी ताकत से जुटी है और इस दृष्टि से भाजपा की जीत की संभावना है। वोटों का अंतर कम या ज्यादा हो सकता है।
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जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
मोबा. 9522170700
‘बिना छेड़छाड़ के लेख का प्रकाशन किया जा सकता है’
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