Friday, October 18

मोदी के नाम से खम्भा भी जीत जाएगा, बृजमोहन को उतारने से चकित हैं राजनैतिक पण्डित, वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी…

7 मई यानि आज देश के तीसरे चरण का चुनाव है। जिसमें 12 राज्यों की 94 सीटों पर लोकसभा कौन जाएगा ये तय होगा। अंतिम जंग 1 जून को होनी है और संसद कौन पहुंचा ये 4 जून को पता चलेगा। छत्तीसगढ़ में निम्नलिखित योद्धाओं के बीच द्वन्द जारी है।

प्रत्याशी _ भाजपा, कांग्रेस, दुर्ग- विजय बघेल, राजेन्द्र साहू , राजनांदगांव – संतोष पाण्डे, भूपेश बघेल, जांजगीर – कमलेश जांगड़े, डाॅ शिवकुमार डहरिया, कोरबा – सरोज पाण्डे, ज्योत्सना महन्त।
सरगुजा – चिंतामणि महाराज, श्रीमती शशि सिंह, रायपुर – बृजमोहन अग्रवाल, विकास उपाध्याय, बिलासपुर – तोखन साह, देवेन्द्र सिंह यादव।

निगाहें टिकी हैं रायपुर कोरबा और दुर्ग पर

भाजपा के 9 सांसदों में से केवल दो को रिपीट किया है। एक विजय बघेल दुर्ग से ओर दूसरे संतोष पाण्डे राजनांदगांव से सांसद हैं।
भाजपा ने एससी, एसटी और ओबीसी को पर्याप्त अवसर दिया है।
इन सीटों में सबसे अधिक चर्चा जिन तीन सीटों की है वे रायपुर, कोरबा और दुर्ग हैं। बात सबसे पहले रायपुर की। यहां से मंत्री बृजमोहन अग्रवाल लोकसभा जाने को तैयार हैं।
वे 2023 में विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक 67 हजार मतों से जीते हैं। उनकी जीत में तो किसी प्रकार का संशय नहीं है।

अनिकश्चतता है तो बस ये कि अब कितने से जीतेंगे। बस यही कयास हवा में तैर रहे हैं। राजनैतिक पण्डित समझने का प्रयास कर रहे हैं कि मोदीजी के नाम से रायपुर की सीट अन्य कोई अति साधारण कार्यकर्ता भी जीत सकता था। फिर भाजपा की तोप को क्यों उतारा गया है।

कहते हैं मोदीजी के नाम से यहां खम्भा भी खड़ा कर दिया जाए तो भी जीत की गैरेन्टी दी जा सकती है, ऐसे में बृजमोहन अग्रवाल जिन्हे अब तक का अजेय योद्धा माना जाता है, जो किसी भी चुनाव में जीत की गैरेंटी हैं, को किसलिये उतारा गया।

मुख्यमंत्री के लिये नाम चला था
सरोज पाण्डे का

दूसरी सीट है कोरबा की। यहां से भाजपा की लोकप्रिय नेत्री सरोज पाण्डे को उतारा गया है। राजनीति में अनवरत सफलताओं का श्रेय इन्हें मिलता है। ये महापौर, विधायक और सांसद रही हंै।

एक समय ऐसा भी था जब डाॅ रमनसिंह के स्थान पर सरोज पाण्डे को मुख्यमंत्री बनाने की अफवाह जोरों पर थी। पाण्डे कोरबा से ज्योत्सना महन्त को चुनौती दे रही हैं। यहां पर भाजपा को महन्त की चुनौती कही जा रही है।
हालांकि सर्वप्रचलित विचार हैै कि छत्तीसगढ़ में 11 में से 11 सीटें भाजपा जीत रही है।

इसके अलावा चाचा भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री रहते विधानसभा में चुनाव मंे चुनौती दे चुके विजय बघेल भाजपा के दमदार प्रत्याशी हैं। सामने भूपेश बघेल के प्रिय राजेन्द्र साहू हैं। विजय बघेल 2023 के विधानसभा चुनाव में यानि कुछ महीने पहले ही अपने चाचा भूपेश बघेल तत्कालीन मुख्यमंत्री से सांसद रहते हुए हार चुके हैं। लेकिन इस बार उनकी जीत आसान बताई जा रही है।

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जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
मोबा. 9522170700
‘बिना छेड़छाड़ के लेख का प्रकाशन किया जा सकता है’
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