रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने सुनील सोनी को टिकट दिया है। या यंू कह लें कि बृजमोहन अग्रवाल ने सुनील सोनी को टिकट दिया है। सबको पता है कि इस विधानसभा से बृजमोहन अग्रवाल पिछले आठ बार से भाजपा के विधायक रहे हैं।
ये
लोकप्रिय भाजपा नेता यहां के अविजित विधायक रहे हैं।
इस बार 2023 में जब वो जीतकर आए तो उनकी धमक बढ़ गयी क्योंकि सबसे अधिक 67 हजार वोटों से जीत हासिल की। जाहिर है उत्साह चरम पर था। पर एकाएक इस धमक की आवाज धीमी पड़ गयी कि नवनिर्वाचित विधायक बृजमोहन अग्रवाल को लोकसभा का चुनाव लड़वाकर केन्द्र में बुला लिया गया।
खुद तो बृजमोहन केन्द्र में चले गये मगर रायपुर दक्षिण विधानसभा में उनकी धमक कम नहीं हुई।
सुनील सोनी भाजपा का जाना-माना चेहरा हैं। महापौर और सांसद भी रहे हैं।
सबसे बड़ी बात कि सोनी को अग्रवाल से पुरानी दोस्ती का ईनाम मिला।
40 साल की गहराई
1982 में जब हम लोग दुर्गा काॅलेज में पढ़ने गये तो छात्रसंघ चुनाव में ताल ठोक रहे कुछ चेहरों में एक चेहरा सुनील सोनी का भी था। हमारे तीन साल काॅलेज में पढ़ते हुए ही सुनील सोनी एक साल छात्रसंघ के अध्यक्ष बने। दिलचस्प तथ्य यह है कि वे तमाम दिग्गज संगठनों के बीच अकेले ही चुनाव में सक्रिय रहा करते थे।
वैसे भी तब भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की हालत कुछ पतली ही हुआ करती थी जबकि कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई का बोलबाला हुआ करता था।
काॅलेज छात्रसंघ अध्यक्ष और पार्षद से लेकर महापौर और सांसद तक का सफर सुनील सोनी ने जीता तो इसमें निस्संदेह उनके परम मित्र बृजमोहन अग्रवाल की बड़ी भूमिका रही।
साफ है कि आज भी वही जज़्बा कायम है और जैसा कि लग रहा है कि वे विधायक पद की ओर अग्रसर हैं तो इसमें भी उन्हें अग्रवाल का बड़ा सहारा है।
कांग्रेस ने उतारा युवा आकाश शर्मा को
हालांकि दक्षिण विधानसभा हमेशा से भाजपा के पाले में रही है 2018 में भी विपरीत परिस्थितियों में भी यह सीट भाजपा ने जीती,, लेकिन फिर भी राजनैतिक योद्धा मैदान में जरूर उतरते हैं। कदाचित् इसी से इनका अस्तिव कायम रहता है।
इसलिये कांग्रेस से भी हर बार अपना तगड़ा प्रत्याशी उतारे जाने का दावा किया जाता है। यहां से कांग्रेस भी ताल ठोककर चुनाव लड़ती है। क्या पता कब प्रत्याशी का भाग्य पलटी मार जाए और तगड़ा राजयोग काम कर जाए ? इस बार कांग्रेस ने 63 साल के सुनील सोनी के विरूद्ध 35 साल के आकाश शर्मा को मैदान में उतारा है। शर्मा सात वर्ष छात्र संगठन एनएसयूआई के अध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान मे युवक कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।
जहां तक बात रिजल्ट की है तो आम धारणा यही है कि ये सीट भाजपा आराम-आराम से जीत जाएगी
लेकिन हां जैसा कि हमेशा होता है हारकर भी आकाश शर्मा का प्रोफाईल तो बढ़ ही जाएगा और एक युवा नेता से वे विधायक स्तर तक पहुुंच जाएंगे।
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जवाहर नागदेव वरिष्ठ पत्रकार लेखक चिन्तक विश्लेषक
मोबा 9522170700
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