
छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियाँ आज ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव की मजबूत मिसाल बन रही हैं। ऐसी ही एक प्रेरक सफलता की कहानी है ग्राम बोड़रा के मेहनती किसान हंसराज साहू की, जिन्होंने समर्थन मूल्य पर धान विक्रय की पारदर्शी व्यवस्था का लाभ उठाकर न केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ की, बल्कि आधुनिक जीवनशैली की ओर भी सार्थक कदम बढ़ाया।
हंसराज साहू बताते हैं कि पिछले खरीफ सत्र में उन्होंने संबलपुर सहकारी समिति (सोसायटी) में समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय किया था। धान विक्रय के पश्चात प्राप्त राशि से उन्होंने एक ई-स्कूटी खरीदी। यह ई-स्कूटी उनके लिए केवल एक वाहन नहीं, बल्कि समय, सुविधा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गई है। चल रही साँय-साँय द्य इसके माध्यम से उन्हें धमतरी शहर, रिश्तेदारों के घर, खेतों तथा कृषि एवं पारिवारिक कार्यों के सिलसिले में आवागमन में बड़ी सुविधा मिली है। ई-स्कूटी के उपयोग से ईंधन खर्च में कमी आई है और समय की भी उल्लेखनीय बचत हो रही है, जिससे वे अपने कार्यों को अधिक कुशलता से कर पा रहे हैं।
श्री साहू के पास कुल 2 एकड़ 25 डिस्मिल कृषि भूमि है, जिसमें वे पारंपरिक अनुभव और आधुनिक कृषि समझ के साथ धान की खेती करते हैं। इस वर्ष उन्होंने समर्थन मूल्य पर कुल 46 क्विंटल 40 किलोग्राम धान का विक्रय किया है। उन्हें पूरा विश्वास है कि समय पर भुगतान और स्पष्ट प्रक्रिया से किसानों को अपनी भविष्य की योजनाओं को साकार करने में मदद मिल रही है। श्री साहू ने बताया कि इस वर्ष धान विक्रय से प्राप्त राशि का उपयोग वे अपने पुत्र के विवाह जैसे महत्वपूर्ण पारिवारिक कार्य में करेंगे, जिससे परिवार में खुशियों का माहौल है।
उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “तुहर टोकन” मोबाइल ऐप के माध्यम से धान बेचने की प्रक्रिया अत्यंत सरल, पारदर्शी और किसान-अनुकूल हो गई है। अब पंजीयन से लेकर विक्रय तक किसानों को अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
श्री हंसराज साहू की यह कहानी इस बात का सशक्त उदाहरण है कि सरकार की सही नीतियाँ और डिजिटल नवाचार जब जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू होते हैं, तो किसान आत्मनिर्भर बनते हैं और उनका जीवन स्तर निरंतर बेहतर होता है। यह सफलता कथा अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा है कि वे सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाकर समृद्धि की ओर अग्रसर हों।







