– तीन साल तक मिलेगी केंद्र की सहायता
दुर्ग 28 नवंबर 2022/ अमलेश्वर का हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर छत्तीसगढ़ राज्य का पहला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन सर्टिफाइड उप स्वास्थ्य केंद्र बन गया है। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है। इस बड़ी घोषणा के साथ ही अमलेश्वर के वैलनेस सेंटर को 3 साल तक केंद्र की सहायता मिलेगी जिससे यहां बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं में और भी मजबूती आएगी। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए बीएमओ पाटन डॉ आशीष शर्मा ने बताया कि केंद्र की टीम ने सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का निरीक्षण किया तथा यहां सुविधाएं देखी। हेल्थ वैलनेस सेंटर में दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया। डॉ शर्मा ने बताया कि यहां टीम ने मरीजों से बात की और स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल की ओपीडी की जानकारी ली। आवश्यक उपकरणों की स्थिति देखी तथा व्यापक रूप से अमलेश्वर के निवासियों से भी बातचीत की। डॉ शर्मा ने बताया कि गुणवत्ता के मामले में अस्पताल का स्कोर 94 प्रतिशत रहा। उन्होंने बताया कि ऐसी तीन बातें हुई जिससे अमलेश्वर को यह सम्मान मिल पाया।
टेली कंसल्टेशन से भी निमहान्स जैसे अस्पताल के डाक्टरों से मिल रहा परामर्श- डॉ शर्मा ने बताया कि हॉस्पिटल में टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध है। इसके माध्यम से न केवल स्थानीय स्तर पर बीमारियों का परीक्षण किया जाता है अपितु टेली कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बड़े अस्पताल से कनेक्ट कर मरीजों का चिकित्सकीय परीक्षण किया जाता है। उदाहरण के लिए मानसिक बीमारियों के मामले में देश के देश की मानी हुई संस्थान निमहंस बेंगलुरु के विशेषज्ञ जुड़ते हैं। इसी तरह से अन्य बीमारियों में भी स्वास्थ्य केंद्रों से लगातार संपर्क बना रहता है।
हर दिन 40 की ओपीडी ,संस्थागत प्रसव की सुविधा भी उपलब्ध – अस्पताल में 35 से 40 तक होती है। अच्छा इलाज होने की वजह से लोग काफी आते हैं और दिल की बीमारी, कैंसर आदि बीमारियों को आरंभिक रूप से ही चिन्हांकित करने में मदद मिल जाती है। इसके साथ ही यहां संस्थागत प्रसव की सुविधा भी उपलब्ध है। अप्रैल महीने से अब तक यहां 21 डिलीवरी हो चुकी है।
समुदाय का भी बढ़िया योगदान – स्वास्थ्य मंत्रालय हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की उपयोगिता का बड़ा मानदंड यह भी रखता है कि इसे संचालित करने में स्थानीय समुदाय की कैसी भूमिका है। अमलेश्वर के संबंध में अच्छी बात यह हुई कि यहां ग्राम पंचायत ने अस्पताल के संचालन में काफी रूचि ली। अस्पताल मुरूम खदान के निकट की भूमि में था। इसके चारों ओर बाउंड्री वाल अपने खर्च पर पंचायत ने खड़ी की। इसमें लगभग 5 लाख रुपये की राशि लगी। अस्पताल के विकास के लिए पंचायत का बढ़िया योगदान रहता है।
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