केशकाल – टाटामारी केशकाल में वर्षो पुराना महिला समूह द्वारा चलाये जा रहे गरीब स्थानीय महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा ” अट्टानासार भोजनालय ” चल रहा था । जहाँ बहुत ही बढिया जायकेदार छत्तीसगढिया व्यंजन और भोजन सामान्य सस्ते रेट पर सुलभ कराया जाता आ रहा है और बडी खासियत यह रहा की यंहा जो भी बडे से बडे सर्व सुविधाभोगी नगर महानगर में रहने वाले देशी विदेशी जो भी आते थे और यंहा खाते हैं वो बडी चाव से खाते हुये नाश्ता एवं भोजन की खुब तारीफ करते हुये संचालन करने वाली महिला समूह की महिलाओं को धन्यवाद देते फिर से आने की बात कहते हुये विदा होते हैं। अभी तक टाटामारी मे एक छपरीनुमा कुटिया मे सीधी सहज संस्कारी भारतीय नारी के रूप में साडी पहनकर आगंतुकों को बडे प्रेम से चाय नाश्ता काफी भोजन सुलभ कराने वाली गांव की गरीब तबके के मेहनतकश महिलाओं के महिला समूह द्वारा 5/ में हाफ चाय 10/ में फूल चाय 20/ प्लेट में नाश्ता मुहैय्या कराते आ रही है । जिससे आगंतुक पूरी तरह से संतुष्ट और खुश थे और हैं। पर अब अचानक लाखों लाखों रूपया खर्च कर बनवाये गये कांच वाले कैफे को अचानक बाहर के इंडस्ट्रि संचालित करने वाले संपन्न सशक्त ब्यक्ति के द्वारा संचालन का काम हांथ में लेकर बाहर से खानसामा वेटर लाकर कैफे का संचालन आरंभ किया गया है तो आगंतुकों को इसका खामियाजा भोगते अधिभार झेलते अधिक किमत तो चुकाना ही होगा । ईको पर्यटन को बढावा देने के लिये कोंडागाव जिला कलेक्टर के द्वारा जिला खनिज न्यास निधि से बडी उदारता से लाखों लाखों रूपया आबंटन दिया गया जिसमे जमकर बंदरबांट कर टाटामारी में काम कराया गया । और अब वर्षों वर्षों से सेवा देने वाली स्थानिय महिलाओं के पेट मे लात मारते हुये तथा स्थानिय लोगों की उम्मीदों मे पानी फेरते हुये आने वाले पर्यटकों की जेब पर डाका डलवाते आर्थिक अधिभार डालने का पाप करते हुये बाहर के संपन्न संस्थान को लाभान्वित करने के इस कदम के खिलाफ बहुत जल्दी ही स्थानिय लोगों की प्रतिक्रिया भी मुखर होकर सामने आने लगेगा ।