
शिविर के चौथे दिन की शुरुआत प्रातः कालीन योग, प्राणायाम और पीटी से हुई, जिससे स्वयंसेवकों को दिनभर ऊर्जावान बनाए रखने में सहायता मिली। इसके पश्चात नाश्ते के उपरांत स्वयंसेवकों ने खेल मैदान निर्माण एवं महाविद्यालय परिसर की सफाई जैसे महत्वपूर्ण परियोजना कार्यों को सफलतापूर्वक संपन्न किया।
बौद्धिक सत्र में मिली प्रेरणादायक सीख
बौद्धिक परिचर्चा सत्र के लिए स्वयंसेवक सभा कक्ष में एकत्रित हुए, जहां संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी एवं जिला प्रचारक सरगुजा श्री जितेंद्र शर्मा बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित रहे। सत्र का शुभारंभ मां भारती, छत्तीसगढ़ मैया एवं स्वामी विवेकानंद जी के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन और लक्ष्य गीत से हुआ।
डॉ. त्रिपाठी ने भारत के विकास में ग्रामीणों की भूमिका को रेखांकित करते हुए गोबर खाद की महत्ता, गंगा जल की शुद्धता, गाय के महत्व एवं गायत्री मंत्र के प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत के सतत विकास में सहायक हैं और उनकी पारंपरिक कृषि पद्धतियां पर्यावरण अनुकूल एवं स्वास्थ्यवर्धक हैं।
जिला प्रचारक श्री जितेंद्र शर्मा ने “2047 का भारत कैसा होगा?“ विषय पर चर्चा की। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए प्रत्येक युवा को अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध रहना होगा। उन्होंने भारत को “विश्व गुरु“ बनाने की दिशा में प्रत्येक नागरिक की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सराबोर हुआ शाम का सत्र
शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से आए स्वयंसेवकों ने पारंपरिक नृत्य, नृत्य-नाटिका, गीत एवं संगीत प्रस्तुत कर मनोरंजन का समां बांध दिया। इस कार्यक्रम में जिला संगठक प्रो. खेमकरण अहिरवार, कार्यक्रम अधिकारी विनितेश गुप्त, देवेंद्र दास सोनवानी, राकेश राय, रीता गिरी, सुनील चक्रधारी सहित अन्य अधिकारी एवं स्वयंसेवकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।