राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होकर प्रसन्नता का अनुभव हो रहा हैं। यह दीक्षांत समारोह विद्यार्थी, शिक्षक और परिवारजन सभी के लिए खुशी का अवसर है। यह हमारे लिये अत्यन्त गौरव का विषय है कि इस विश्वविद्यालय का नाम लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर के नाम पर है, जिन्होंने लोक-कल्याण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देवत्व प्राप्त किया है। मैं उनका स्मरण कर नमन करता हूँ। राज्यपाल ने उपाधि, स्वर्ण और रजत पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि शोध, उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वालों में बालिकाओं की संख्या बालकों से अधिक होना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित और समावेशी न्यू इंडिया की झलक है। यह सभी के लिए खुशी और गर्व का विषय है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को बंधन मुक्त शिक्षा का अवसर दे कर हौसलों के साथ सफलता की अनन्त ऊँचाइयों को छूने का मौका दिया है। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थी नए भारत और नए विश्व के निर्माण के लिए बड़े सपने देखे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, विश्व समुदाय की वर्तमान की समस्याओं और भविष्य की चुनौतियों के समाधान के चिंतन का केन्द्र बनें। उन्होंने कहा कि विकास और सभ्यता की आज की उपभोक्तावादी अवधारणा के कारण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन तथा जीवन-शैली जनित रोगों की चुनौतियाँ और अधिक विकराल रूप ले रही हैं। मानव समाज के समक्ष युद्ध, अशांति, आतंकवाद, महिलाओं की असुरक्षा तथा असमानता जैसी अनेक समस्या, चुनौतियों के लिए विद्यार्थी और शिक्षकों को सचेत एवं सक्रिय रह कर समाधान प्रस्तुत करना चाहिए। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि हमारा देश नए और गहरे विचारों को अपनाने वाला देश है, जहाँ प्राचीनतम वेद और उपनिषद, भगवान महावीर और बुद्ध के विचार आज भी जीवंत हैं। इसीलिए आज भी पूरे विश्व में सिलिकॉन वैली से सिडनी तक और आधुनिक कार्य-क्षेत्रों में भी भारतीय लोगों ने सम्मानित स्थान बनाया है। युवा विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों का आदर और स्वागत करें, लेकिन अपनी जड़ों से हमेशा जुड़े रहें। क्योंकि, अपनी जड़ों से जुड़े रहना भविष्य की संजीवनी है, इससे सृजनशीलता मिलती है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमेन श्री टी.जी. सीताराम ने कहा कि आज के युग में अनुसंधान एवं अन्वेषण अत्यंत जरूरी है और इस दिशा में देश के विश्वविद्यालय विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने युवाओं का आहवान किया कि अपनी शिक्षा में अनुसंधान और अन्वेषण पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि देश के प्रतिष्ठित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होकर बहुत खुशी हो रही है। यह विश्वविद्यालय अकादमिक क्षेत्र में नित्य नई उपलब्धियाँ हासिल कर रहा है।
सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा कि आने वाले समय में भारत पुनः विश्व-गुरु का दर्जा हासिल करेगा। भारत को पुनः विश्व-गुरु बनाने में युवाओं की अहम भूमिका रहेगी।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती रेनू जैन ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की जानकारी भी दी। कुलसचिव श्री अजय वर्मा ने संचालन किया।