
राजनीति में कभी भी कुछ स्थायी नहीं होता। फिर भी जब जिसका दौर होता है तो वह आकाश में सितारे की तरह चमकता दिखता है।
बिना शक ये कहा जा सकता है छत्तीसगढ़ की राजनीति के आकाश में एक चमकता सितारा नाम है बृजमोहन अग्रवाल। इस वक्त तक ये अजेय योद्धा कहे जा सकते हैं।
हर बार के चुनाव मंे उनकी जीत का अंतर बढ़ा ही है। बेेहद विपरीत परिस्थियों में भी जब 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 68 सीट पाकर विधानसभा मंे विराजित हुई थी और भाजपा केवल 15 सीट पर सिमटकर दयनीय स्थिति में आ गयी थी, तब भी बृजमोहन 18 हजार वोटों से जीते थे।
जबकि भाजपा कई बड़े-बड़े दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा था।
2023 में बृजमोहन ने रिकाॅर्ड 67 हजार मतों से जीत दर्ज कराई। इस बार जब वे लोकसभा की लड़ाई लड़ रहे हैं तो जरूर कुछ न कुछ गुल खिलाएंगे।
सब जानते हैं कि पिछली बार जब पूर्व सांसद रमेश बैस के बजाए सुनील सोनी को टिकट दी गयी थी तो उनके मित्र बृजमोहन अग्रवाल को ही उन्हें जिताने का श्रेय जाता है।
थोड़ी कमजोरी के बाद भी
स्थापित कर सकते हैं नया पैमाना
कहते हैं भाटापारा और बलोदाबाजार में भाजपा का जोर जरा कम है। लेकिन इसके बावजूद ये नहीं कहा जा सकता कि यहां से भाजपा जीतेगी नहीं।
रायपुर लोकसभा की सभी विधानसभाओं में भाजपा बढ़त लेगी ये कहने में कोई संकोच नहीं। हां कहीं कम या कहीं ज्यादा हो सकती हैं।
वैसे ही कांग्रेस के नंबरों में तेजी से कटौती हो रही हैं। कांग्रेस का ग्राफ तेजी से गिर रहा है। चुनावों के बीच में ही उनके कर्णधार इसे छोड़-छोड़ कर जा रहे हैं। तो कांग्रेस के डूबने के आसार नजर आ रहे हैं। इसलिये कांग्रेस पिछड़ ही रही है।
उपर से बृजमोहन की व्यवहार कुशलता, राजनैतिक चातुर्य और काम करने का प्रभावशाली तरीका उन्हें भारी मतों से विजय दिलाएगा और संभव है कि रायपुर लोकसभा सीट कदाचित् इस बार कोई इतिहास लिख जाए….
फिल्म डाॅन का एक डायलाॅग याद आता है कि ‘डाॅन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है’। इस समय ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि ‘बृजमोहन को हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है……. ’
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जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
मोबा. 9522170700
‘बिना छेड़छाड़ के लेख का प्रकाशन किया जा सकता है’
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