
कलेक्टर जनदर्शन आम नागरिकों की समस्याओं के त्वरित और मानवीय समाधान का सशक्त माध्यम बनता जा रहा है। इसी क्रम में आज कलेक्टर जनदर्शन के दौरान एक अत्यंत संवेदनशील और प्रेरणादायक मामला सामने आया, जिसने प्रशासन की जनहितैषी सोच और तत्परता को उजागर किया।
धमतरी हटकेशर वार्ड निवासी श्रीमती लक्ष्मी बनवासी ने कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा को आवेदन सौंपते हुए बताया कि उनके ससुर श्री नारायण बनवासी (75 वर्ष), शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त प्रधानपाठक हैं। वृद्धावस्था एवं शारीरिक अस्वस्थता के कारण वे उठने-बैठने और चलने-फिरने में पूरी तरह असमर्थ हो चुके हैं। उनका आधार कार्ड अब तक नहीं बन पाया है। पूर्व में उनकी पेंशन सास-ससुर के संयुक्त बैंक खाते में नियमित रूप से जमा हो जाती थी, किंतु बैंक की नई कार्यप्रणाली के अनुसार अब आधार अनिवार्य कर दिया गया है।
आवेदन में बताया गया कि शारीरिक स्थिति के कारण श्री नारायण बनवासी स्वयं आधार सेवा केंद्र तक पहुँचने में असमर्थ हैं, जिससे पेंशन और बैंक संबंधी कार्यों में गंभीर कठिनाई उत्पन्न हो रही है। समस्या को गंभीरता से सुनते हुए कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया और बिना किसी विलंब के आधार सेवा केंद्र के ऑपरेटर को निर्देशित किया कि वे आवश्यक मशीनरी के साथ संबंधित हितग्राही के निवास पर जाकर आधार प्रक्रिया पूर्ण करें।
कलेक्टर के निर्देशानुसार उसी दिन आधार सेवा केंद्र का ऑपरेटर श्री नारायण बनवासी के घर पहुँचा और सभी आवश्यक औपचारिकताएँ पूर्ण करते हुए उनका आधार आवेदन सफलतापूर्वक दर्ज किया गया। इससे न केवल एक बुजुर्ग की बड़ी समस्या का समाधान हुआ, बल्कि उनके परिवार को भी राहत मिली।
यह घटना कलेक्टर जनदर्शन की सार्थकता को दर्शाती है, जहाँ केवल आवेदन लेना ही नहीं, बल्कि समस्याओं का व्यावहारिक और संवेदनशील समाधान सुनिश्चित किया जाता है। कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा की यह पहल प्रशासन की उस सोच को प्रतिबिंबित करती है, जिसमें बुजुर्गों, असहायों और जरूरतमंदों तक शासन की सेवाएँ स्वयं पहुँचाई जाती हैं।
निस्संदेह, यह उदाहरण प्रशासन और आम नागरिकों के बीच विश्वास को मजबूत करने वाला तथा सुशासन” की दिशा में एक उल्लेखनीय शासकीय सफलता की कहानी है।







