बोरा ने ग्रामीणों से अमृत सरोवर का नाम शहीदों के नाम पर रखने का किया आव्हान
बेमेतरा 08 जून 2023- जल शक्ति अभियान कैच द रेन के केन्द्रीय नोडल अधिकारी सह संयुक्त सचिव भारत सरकार श्री सोनमणि बोरा ने कल भू संवर्धन एवं संरक्षण के जिला स्तरीय भ्रमण के दौरान साजा क्षेत्र के सिंघौरी में जल शोधन संयंत्र क्षमता 5 एम.एल.डी. समूह जल प्रदाय योजना का निरीक्षण किया। उन्होने यहां पर प्रौद्योगिकी में यांत्रिकी और भौतिक रासायनिक शामिल होने वाले तत्वों की जानकारी ली और प्रतिदिन अधिकतम शोधन क्षमता से प्राप्त होने वाले जल के संबंध में जानकारी ली। जिस पर विभाग के अधिकारी ने बताया कि यहां पर जल का संग्रहण शिवनाथ नदी से किया जाता है एवं जल के शुद्धिकरण के लिए अवसादन, फिल्टर करना और एयरेशन ये सब शामिल है।
केन्द्रीय नोडल अधिकारी ने जिला भ्रमण के दौरान साजा क्षेत्र के ग्राम पंचायत नवकेशा में अमृत सरोवर अंतर्गत निर्माण हुए तालाब एवं तालाबों के जीर्णोद्धार तथा सौंदर्यीकरण के कार्यों का अवलोकन किया एवं तालाब के किनारे ग्रामीणों के साथ पौधारोपण भी किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से तालाब का नामकरण करने व उसकी देखभाल करने की अपील की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि तालाबों में कचरा एवं गंदगी न फैलाएं और तालाब के चारो ओर वृक्षारोपण करें ताकि आम नागरिक सुबह या शाम विचरण भी कर सके। श्री बोरा ने जिले में जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए मनरेगा व अन्य विकासात्मक योजनाओं की योजना बनाने को कहा। उन्होंने ग्रामीणों को समझाया कि हमें जल स्रोतों की सुरक्षा और वर्षा जल संचयन की आवश्यकता और महत्व को प्राथमिकता से देखना है। जल शक्ति अभियान भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जो देश में जल सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
श्री बोरा ने ग्रामीणों से कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, इसलिए नवकेशा अमृत सरोवर को शहीदों के नाम से नामकरण करने का आह्वान किया और साथ साथ कलेक्टर को जिले में निर्मित कुल 90 अमृत सरोवरों का नामकरण भी शहीदों के नाम से करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अमृत सरोवर योजना केंद्र व प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इन सरोवरों को बहुउद्देशीय स्वरूप में बनाया जाना अति आवश्यक है। मानव जीवन का आधार जल है लेकिन धीरे-धीरे जल स्तर कम होता जा रहा हैं। जल स्तर को सामान्य बनाए रखने के लिए तालाबों का जीर्णोद्धार अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत कार्य कराया जा रहा है, जिससे जनपद के भूगर्भ जल का संरक्षण व संवर्धन हो सके।
केन्द्रीय नोडल अधिकारी ने जिला भ्रमण के दौरान साजा क्षेत्र के ग्राम पंचायत नवकेशा में अमृत सरोवर अंतर्गत निर्माण हुए तालाब एवं तालाबों के जीर्णोद्धार तथा सौंदर्यीकरण के कार्यों का अवलोकन किया एवं तालाब के किनारे ग्रामीणों के साथ पौधारोपण भी किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से तालाब का नामकरण करने व उसकी देखभाल करने की अपील की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि तालाबों में कचरा एवं गंदगी न फैलाएं और तालाब के चारो ओर वृक्षारोपण करें ताकि आम नागरिक सुबह या शाम विचरण भी कर सके। श्री बोरा ने जिले में जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए मनरेगा व अन्य विकासात्मक योजनाओं की योजना बनाने को कहा। उन्होंने ग्रामीणों को समझाया कि हमें जल स्रोतों की सुरक्षा और वर्षा जल संचयन की आवश्यकता और महत्व को प्राथमिकता से देखना है। जल शक्ति अभियान भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जो देश में जल सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
श्री बोरा ने ग्रामीणों से कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, इसलिए नवकेशा अमृत सरोवर को शहीदों के नाम से नामकरण करने का आह्वान किया और साथ साथ कलेक्टर को जिले में निर्मित कुल 90 अमृत सरोवरों का नामकरण भी शहीदों के नाम से करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अमृत सरोवर योजना केंद्र व प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इन सरोवरों को बहुउद्देशीय स्वरूप में बनाया जाना अति आवश्यक है। मानव जीवन का आधार जल है लेकिन धीरे-धीरे जल स्तर कम होता जा रहा हैं। जल स्तर को सामान्य बनाए रखने के लिए तालाबों का जीर्णोद्धार अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत कार्य कराया जा रहा है, जिससे जनपद के भूगर्भ जल का संरक्षण व संवर्धन हो सके।
संयुक्त सचिव भारत सरकार एवं भूसंवर्धन के केन्द्रीय नोडल अधिकारी ने कृष्णकुंज में किया पौधारोपण
संयुक्त सचिव भारत सरकार एवं भूसंवर्धन के केन्द्रीय नोडल अधिकारी ने मोहभट्ठा स्थित कृष्णकुंज में लगे पौधों का अवलोकन किया और आम के पौधे का रोपण किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है इसके साथ ही पौधों को सुरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। यदि पेंड़ों की कटाई लंबे समय तक जारी रही, तो इससे पेड़ों की अस्तित्व खतरे में आने के साथ-साथ हमारी आने वाली पीढ़ियां भी अपने संस्कृति से अंजान रहेगी। इसे प्रत्येक नागरिकों वृक्षों को जीवनदाता समझकर उनका संरक्षण करना चाहिए। पेंड़ पौधों की जड़ें मृदा को बांधने का काम करती है इस प्रकार जिस भूमि में वृक्ष होंगे वहां मृदा का कटाव नहीं होगा।