⮚ नव विकसित अवसंरचना में रनवे का विस्तार, एक नए एप्रन का निर्माण, एक नए टर्मिनल भवन का निर्माण और एक फायर स्टेशन सह एटीसी टॉवर शामिल है
⮚ सरकार ने अवसंरचना विकास के लिए 170 करोड़ रुपये व्यय किये
तेज़ू हवाई अड्डा तेज़ू शहर में स्थित एक घरेलू हवाई अड्डा है, जो एकल रनवे के माध्यम से प्रचालित होता है। हवाई अड्डा 212 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है और एटीआर 72 प्रकार के विमानों के संचालन को संभालने में सक्षम है। एएआई ने राज्य सरकार के अनुरोध पर तेजू हवाई अड्डे को प्रचालित करने के लिए विकास और उन्नयन कार्य किया। 170 करोड़ रुपये की लागत से किए गए इस कार्य में रनवे का विस्तार (1500 मीटर x 30 मीटर) और एटीआर 72 प्रकार के 02 विमानों के लिए एक नए एप्रन का निर्माण, एक नए टर्मिनल भवन और एक फायर स्टेशन सह एटीसी टॉवर का निर्माण शामिल है।
तेजू हवाई अड्डे को नागरिक उड्डयन मंत्रालय की आरसीएस उड़ान योजना के तहत 2018 में प्रचालित किया गया था। यह हवाई अड्डा वर्तमान में एलायंस एयर और फ्लाईबिग एयरलाइन द्वारा नियमित निर्धारित उड़ानों के माध्यम से डिब्रूगढ़, इंफाल और गुवाहाटी से जुड़ा हुआ है।
टर्मिनल भवन की मुख्य विशेषताएं:
• टर्मिनल क्षेत्र: 4000 वर्गमीटर।
• पीक समय में सेवा क्षमता: 300 यात्री
• चेक-इन काउंटर: 05 + (भविष्य में 03)
• अराइवल कैरोसेल्स 02
• विमान पार्किंग बे: 02 – एटीआर-72 प्रकार के विमान।
मुख्य विशेषताएं:
• डबल इंसुलेटेड रूफिंग प्रणाली।
• ऊर्जा सक्षम एचवीएसी और प्रकाश व्यवस्था।
• लो हीट गेन ग्लेज़िंग।
• ईसीबीसी-अनुपालक उपकरण।
• ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली।
• फ्लशिंग और बागवानी उद्देश्यों के लिए उपचारित पानी का पुन: उपयोग।
• वर्षा जल संचयन को सतत शहरी जल निकासी प्रणाली के साथ एकीकृत किया गया।
• कुशल जल फिक्स्चर का उपयोग।
परियोजना के लाभ
• अधिक यातायात संभालने के लिए हवाई अड्डे की क्षमता का विस्तार।
• देश के बाकी हिस्सों के साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र की बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना।
• पर्यटन, व्यापार और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना।
• क्षेत्र के अवसंरचना के विकास और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
तेज़ू लोहित नदी के तट पर स्थित एक छोटा सा शहर है और अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले का मुख्यालय है। यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए विख्यात है, जहां चारों ओर हरे-भरे जंगल और ऊंची-ऊंची पहाड़ियां हैं।