जगदलपुर, 18 दिसंबर 2022/ लाला जगदलपुरी के जन्म समारोह के अवसर पर लाला जगदलपुरी केंद्रीय ग्रंथालय में शनिवार 17 दिसंबर को बस्तर साहित्य महोत्सव 2022 का आयोजन किया गया। आयोजन के प्रथम सत्र में प्रातः 11 बजे पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय, जगदलपुर के कुलपति प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कोषालय अधिकारी श्रीमती साधना तिवारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती प्रधान रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ. बीएल झा ने की।
अपने उद्बोधन में प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्र में ये ग्रंथालय शिक्षा की अलख जगाए हुए है। उन्होंने छात्रों से कहा कि पुस्तकें मनुष्य की सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वाधिक विश्वसनीय मित्र हैं। इनमें वह शक्ति है जो मनुष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है तथा कठिन से कठिन समस्याओं के निदान के लिए बल प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय भी इस ग्रंथालय के साथ सहभागिता कर छात्रों के सर्वांगीण विकास की ओर काम करेगा।
अध्यक्षता कर रहे डॉ झा ने कहा कि लाला जगदलपुरी जी ने साहित्य के माध्यम से बस्तर की अप्रतिम सेवा की। हिन्दी के साथ-साथ हल्बी, भतरी एवं छत्तीसगढ़ी में भी कविता, गीत, मुक्तक, नाटक, एकांकी, निबंध आदि साहित्य की अनेकानेक विधाओं पर सृजन किया। उन्होंने जगदलपुर में साहित्य शिल्पियों की एक पूरी पीढ़ी का निर्माण किया।
वरिष्ठ कोषालय अधिकारी श्रीमती साधना तिवारी ने ग्रंथालय के रूपरेखा की सराहना करते हुए कहा कि यहां के छात्रों की एकाग्रता अद्वितीय है। छात्र यहां अपने अपने सपने को मूर्त रूप देने के लिए लगे हुए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती प्रधान ने कहा कि ये ग्रंथालय छात्रों के लिए उपयोगी होने के साथ साथ शहर की साहित्यिक गतिविधियों का भी केंद्र है। ग्रंथालय का उद्देश्य छात्रों के सपनो को पूरा करने के साथ साथ उनके सामाजिक तथा नैतिक जीवन को मूर्त रूप देना है। उन्होंने अतिथियों को बताया कि ग्रंथालय के छात्रों का चयन विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रहा है जो कि ग्रंथालय महत्व को रेखांकित करता है।
कार्यक्रम का संचालन हरेंद्र राजपूत ने किया। इस अवसर पर ग्रंथालय के ओएसडी डॉ शोएब अंसारी, ग्रंथालय प्रभारी शशिकांत सिंह गौतम एवं पवन दीक्षित, जिला ग्रंथपाल मो. हुसैन खान, नलिन शुक्ला, सुमित प्रसाद, अल्पना जॉन उपस्थित थे।
यह पुस्तक प्रदर्शनी एक सप्ताह तक आयोजित की जाएगी, जिसमे बस्तर की कला, संस्कृति एवं साहित्य पर आधारित पुस्तकें रखी गयी हैं। शहर के निवासी इस प्रदर्शनी का अवलोकन कर सकते हैं
अपने उद्बोधन में प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्र में ये ग्रंथालय शिक्षा की अलख जगाए हुए है। उन्होंने छात्रों से कहा कि पुस्तकें मनुष्य की सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वाधिक विश्वसनीय मित्र हैं। इनमें वह शक्ति है जो मनुष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है तथा कठिन से कठिन समस्याओं के निदान के लिए बल प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय भी इस ग्रंथालय के साथ सहभागिता कर छात्रों के सर्वांगीण विकास की ओर काम करेगा।
अध्यक्षता कर रहे डॉ झा ने कहा कि लाला जगदलपुरी जी ने साहित्य के माध्यम से बस्तर की अप्रतिम सेवा की। हिन्दी के साथ-साथ हल्बी, भतरी एवं छत्तीसगढ़ी में भी कविता, गीत, मुक्तक, नाटक, एकांकी, निबंध आदि साहित्य की अनेकानेक विधाओं पर सृजन किया। उन्होंने जगदलपुर में साहित्य शिल्पियों की एक पूरी पीढ़ी का निर्माण किया।
वरिष्ठ कोषालय अधिकारी श्रीमती साधना तिवारी ने ग्रंथालय के रूपरेखा की सराहना करते हुए कहा कि यहां के छात्रों की एकाग्रता अद्वितीय है। छात्र यहां अपने अपने सपने को मूर्त रूप देने के लिए लगे हुए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती प्रधान ने कहा कि ये ग्रंथालय छात्रों के लिए उपयोगी होने के साथ साथ शहर की साहित्यिक गतिविधियों का भी केंद्र है। ग्रंथालय का उद्देश्य छात्रों के सपनो को पूरा करने के साथ साथ उनके सामाजिक तथा नैतिक जीवन को मूर्त रूप देना है। उन्होंने अतिथियों को बताया कि ग्रंथालय के छात्रों का चयन विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रहा है जो कि ग्रंथालय महत्व को रेखांकित करता है।
कार्यक्रम का संचालन हरेंद्र राजपूत ने किया। इस अवसर पर ग्रंथालय के ओएसडी डॉ शोएब अंसारी, ग्रंथालय प्रभारी शशिकांत सिंह गौतम एवं पवन दीक्षित, जिला ग्रंथपाल मो. हुसैन खान, नलिन शुक्ला, सुमित प्रसाद, अल्पना जॉन उपस्थित थे।
यह पुस्तक प्रदर्शनी एक सप्ताह तक आयोजित की जाएगी, जिसमे बस्तर की कला, संस्कृति एवं साहित्य पर आधारित पुस्तकें रखी गयी हैं। शहर के निवासी इस प्रदर्शनी का अवलोकन कर सकते हैं