*सफलता की कहानी*
रायपुर, 27 दिसम्बर 2024/ रोजी मजदूरी करके जीवन यापन करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए महतारी वंदन योजना एक संजीवनी का काम कर रही है। इस योजना के माध्यम से उन्हें प्रतिमाह वित्तीय समर्थन मिल रहा है, जिससे वे अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा और परिवार के स्वास्थ्य पर भी ध्यान केंद्रित कर पा रहे हैं। यह योजना न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद कर रही है, बल्कि उनके जीवन को सशक्त और समृद्ध बनाने का एक मार्ग भी प्रदान कर रही है।
कोरबा जिले के भैंसमा गांव की कंचन बाई यादव के जीवन में महतारी वंदन योजना का लाभ मिलने से उनके जीवन की आर्थिक परेशानियां कम हुई हैं। पहले जहां रोजी-रोटी की संघर्ष में परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी करना भी चुनौतीपूर्ण था, वहीं अब महतारी वंदन योजना से मिली आर्थिक सहायता ने कंचन बाई को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाने का अवसर दिया है। लाभार्थी कंचन बाई के परिवार में उनके पति श्री शिव यादव सहित कुल 5 सदस्य हैं। उनके पति घरेलू खेती किसानी और मेहनत-मजदूरी से परिवार का आजीविका चलाते है, लेकिन परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी करना हमेशा मुश्किल रहता था। महतारी वंदन योजना से मिलने वाली सहायता ने उनके जीवन में बदलाव लाया है। अब कंचन बाई का परिवार न केवल आर्थिक दृष्टि से सशक्त हो रहा है। कंचन अब न केवल अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित कर पा रही हैं, बल्कि घर के खर्चों को भी आसानी से पूरा कर रही हैं। साथ ही बैक में बचत राशि जमा कर परिवार के बेहतर भविष्य के लिए सुरक्षित वित्तीय आधार तैयार कर रही हैं। वह कहती हैं, पहले जीवन संघर्ष से भरा हुआ था, लेकिन इस योजना ने मेरी परेशानियों को काफी कम कर दिया है। अब मेरे परिवार को बेहतर जीवन जीने का मौका मिल रहा है। महतारी वंदन योजना ने न सिर्फ कंचन बाई के परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है, बल्कि उनके जीवन में एक नई उम्मीद और आत्मविश्वास का संचार किया है। अब कंचन का सपना अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने और बेहतर भविष्य बनाने का सपना अब हकीकत बनता दिख रहा है।
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के ग्राम सारबहरा की निवासी 42 वर्षीय रेखा अत्यंत गरीब परिवार की है। एकमात्र छोटे से टेलरिंग की दुकान के भरोसे घर गृहस्थी का काम चला रही रेखा को जब से महतारी वंदन की राशि मिलना शुरू हुआ है, उनके जीवन में नई खुशहाली का संचार हुआ है। रेखा की तीन पुत्री और एक पुत्र है, सभी पढ़ाई कर रहे हैं। पहले वे घरेलू खर्चे को लेकर तनावग्रस्त रहती थी, अब बच्चों की फीस के साथ-साथ दुकान में अस्तर-फाल खरीदने के लिए पैसे की व्यवस्था हो जाने से तनावमुक्त हो गयी हैं। उन्होंने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री साय का आभार व्यक्त किया है।