मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल 4 मई से हमने भेंट मुलाकात कार्यक्रम आरम्भ किया। सबसे भेंट की। समाज प्रमुखों से मिले। उस समय मन में आया कि युवाओं के साथ पृथक से संवाद हुआ।
मुख्यमंत्री ने पूछा कि किन युवाओं ने रायपुर और बिलासपुर का प्रोग्राम यूट्यूब से देखा।युवाओं ने आवाज लगाई हमने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ युवाओं ने अपनी आकांक्षा बताई। उनका जो सपना है। वही हमारे पुरखों का भी सपना था। सरकार का भी यही सपना है। पौने 2 लाख करोड़ रुपये पैसा डालने का काम हमारी सरकार ने किया। इससे मंदी नहीं आई। यूनिवर्सिटी खोले, 4 मेडिकल कॉलेज खोले।
जहां -जहां भेंट मुलाकात के लिए गए, दो मांग आती है स्वामी आत्मानंद स्कूल खोल दें और बैंक खोल दें। इतने साल हो गए इंग्लिश माध्यम के कॉलेज नहीं थे। हमने 10 कॉलेज खोले। आगे भी खोलेंगे।
अब छत्तीसगढ़ की पहचान हमारी विशिष्ट संस्कृति से है। चाहे आदिवासी परम्परा हो, राम वन पथ गमन हो, कबीर सरोवर हो या बाबा घासीदास के पुण्यस्थलों से जुड़े स्थलों का विकास।
1 मई को जब हम बोरे बासी खाये तो सभी ने खाया।
अब शिक्षा और संस्कृति से सम्पन्न भविष्य नई पीढ़ी का होगा।