Friday, July 26

बागी कांग्रेसियों के लिये ‘राम’ का नाम भाजपा का दरवाजा खटखटाने जैसा वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी…

इन दिनों देश में बड़ा दिलचस्प माहौल बना हुआ है। कांग्रेस में ज़रा भी खड़खड़ाहट होती है तो कांग्रेसी नेता रूठ जाते हैं।

जो नेता पहले पार्टी के भीतर वरिष्ठ नेताओं के अपमान को उनका स्नेह समझा करते थे,अनुशासन समझा करते थे।

अपना समझते हैं तभी तो डांटते हैं, बड़े भाई हैं डांटने का हक है उन्हें, भक्तिभाव से ये जताते नहीं थकते थे वे अब बात-बात पर आत्मसम्मान पर चोट महसूस करने लगे हैं।

भाई जिन्हें सर पर बिठाने में गर्व महसूस करते थे उन्हें जमीन पर पटकने का मन करने लगता है।

जिन वरिष्ठजनों की चप्पल उठाकर कृतार्थ होते थे अब उनकी चप्पलों से उनकी ही… बजाने को तीव्र लालसा होती है।

वे नाराज होकर हाईकमान और प्रेस वालों को एक साथ इन्फाॅर्म करते हैं। अब उन्हें जल्दी से जल्दी चर्चा में और उससे भी अधिक भाजपा की निगाह में आना होता है।

इसलिये हाईकमान से चर्चा और उनके निर्णय जैसी फिजूल बहस मंे नहीं पड़ते। प्रतीक्षा करने का सब्र नहीं…. तत्काल इस्तीफा भिजवा देते हैं। कांग्रेस से बाहर हो जाते हैं।

कांग्रेस से पिण्ड छुड़ाते हैं
भाजपा का दर खटखटाते हैं

वे कांग्रेस से जल्दी पिण्ड छुड़ाना चाहते हैं और इस मुहिम मे प्रेस वालों के सामने राम के नाम की दुहाई देना नहीं भूलते।

ऐसे मे वे ये जरूर जताते हैं कि कांग्रेस को राम के नाम से नफरत है इसलिये कांग्रेस छोड़ रहे हैं।

ये राम के नाम की दुहाई सीधे तौर भाजपा का दरवाजा खटखटाने जैसा है। ये भाजपा को इशारा है कि हम आपके साथ आने को आतुर हैं।

ये लोग तब नहीं बौखलाए जब कांग्रेस ने राम के नाम से, राम के अस्तित्व से इन्कार कर दिया था। तब ये लोग इन रामद्रोहियों के आंख के तारे बने हुए थे। क्योंकि इन्हें उनके बीच सम्मान और पावर मिल रहा था, ताकत मिल रही थी।

धीरे-धीरे कांग्रेस की पतली होती हालत देखकर और ये समझकर कि कांग्रेस का सितारा अब पूरी तरह डूबने वाला है कांग्रेस के बागी नेता उगते सूरज यानि भाजपा के शरणागत होकर कृतार्थ हो रहे हैं।

खेड़ा ने राम का नाम लिया
और भाजपा में प्रवेश ले लिया

ऐसे नेताओ की लंबी लिस्ट है। इस बार आमतौर पर टीवी पर नजर आने वाली कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने भी ऐसी ही परिस्थितियों का लाभ उठाया।

राजधानी रायपुर में कांग्रेस कार्यालय में संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला से हुए विवाद मंे राधिका खेड़ा का रोते हुए वीडियो वायरल हुआ।
जाहिर है वे बेहद दुखी थीं।
उनके साथ ऐसा कुछ अभद्र व्यवहार हुआ जिससे उनका आत्मसम्मान आहत हुआ।

उन्होंने तत्काल पत्र लिखा और उसमें याद से भगवान राम को याद किया और अपना इस्तीफा दे दिया।
जाहिर है भगवान राम का नाम आते ही भाजपा की डोरबेल बज गयी। वे राम का नाम लेती रहीं भाजपा की डोरबेल बजती रही।

भाजपा भी एक-एक कर कांग्रेस के मजबूत स्तंभो को तोड़ने में लगी है।

अंततः उनके लिये भाजपा के मजबूत किले के दरवाजे खुल ही गये….
जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
मोबा. 9522170700
‘बिना छेड़छाड़ के लेख का प्रकाशन किया जा सकता है’

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