राजनांदगांव 20 जुलाई 2024। बारिश के दिनों में कई प्रकार के मच्छर जनित बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है। भारी बारिश, जलजमाव और बाढ़ जैसी स्थितियां मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल होती हैं, जिसके कारण बारिश के महीनों में डेंगू-मलेरिया के मरीजों की संख्या ज्यादा देखने को मिलती है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू-मलेरिया बीमारी से बचाव के संबंध में नागरिकों के लिए आवश्यक सलाह जारी की गई है। डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से अलग होता है और यह दिन की रोशनी में काटता हैं। ऐसे में घर और आसपास मच्छरों को पनपने नहीं दें। कूलर में पानी जमा होने से उसमें डेंगू का लार्वा पनपने का खतरा रहता है। कूलर का उपयोग नहीं होने पर उसका पानी खाली कर दें एवं जो कूलर चालू है, उसे प्रति सप्ताह खाली कर साफ कर भरे, घर की छत पर रखे गमलों या अन्य चीजों में पानी जमा हो तो उसे तुरंत खाली करना चाहिए, क्योंकि इसमें डेंगू लार्वा पैदा हो सकते हैं। घरों के आसपास या गड्ढों में पानी जमा नहीं होने दें एवं जमा पानी के गड्डे में जला हुआ तेल डाल दें, जिससे आक्सीजन नहीं मिलने के कारण मच्छर का लार्वा नष्ट हो जाता है, मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। घर के दरवाजों में जाली लगवाएं, पैरों में मोजे पहनें एवं दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
डेंगू मच्छर जनित एक वायरल बीमारी है, जिसमें सिर में दर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द जैसी परेशानियां होती हैं और त्वचा पर चकत्ते भी निकल आते हैं। डेंगू फीमेल एडीज मच्छर के काटने से होता है। डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं, लेकिन मामूली सावधानी अपनाने से मच्छर के काटने से बचा सकता है। भारत में विशेषकर यह बारिश के दिनों में होने वाला सामान्य रोग है। डेंगू का लार्वा सामान्यत: जमे हुए साफ पानी में पनपता है और इसे पनपने के लिए जुलाई से लेकर अक्टूबर का समय काफी अनुकूल होता है। यही वजह है कि इस समयावधि में सतर्क रहना जरूरी होता है। एडीज एजिप्टीएक ऐसा मच्छर है, जो डेंगू बुखार, चिकनगुनिया, जीका बुखार, मायरो बुखार के वायरस और अन्य रोग एजेंटों को फैला सकता है। विशेषकर बारिश के मौसम की शुरूआत के साथ ही मच्छरों के प्रजनन और परिणामस्वरूप महामारी में वृद्धि होती है। एडीज एजिप्टी मच्छर सबसे ज्यादा सुबह और शाम को और छायादार क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह पूरे साल या अनुकूल स्थिति में किसी भी समय संक्रमण फैला सकते हैं। इससे बचाव हेतु सभी को आवश्यक उपाय अपनाना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू एवं अन्य मच्छर जनित बीमारियों के विषय में जानकारी देने के लिए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें डेंगू से बचाव से संबंधित नारा लेखन, मितानिन यात्रा एवं कार्यशाला आयोजित किया जा रहा है। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से नागरिकों को डेंगू होने के कारण, इसके लक्षण तथा इससे बचाव से संबंधित आवश्यक उपायों की जानकारी दी जा रही है। डेंगू पर नियंत्रण एवं नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा का लक्ष्य लेकर लगातार विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सोर्स रिडक्शन गतिविधियां भी की जा रही हैं, जिसमें मितानिन की विशेष भूमिका है। डेंगू से बचाव के लिए जिले के सभी शासकीय अस्पतालों में नि:शुल्क उपचार एवं दवाईयों की प्रर्याप्त व्यवस्था की गई हैं।
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