नाबार्ड ने महिलाओं और ग्रामीण उद्यमियों के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन और समर्थन किया है, जिससे नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है और महिलाओं को रोजगार मिला है। नाबार्ड ने जिले में 03 एफपीओ का गठन कर उनको सशक्त बनाने में प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता प्रदान की है जिससे 1200 किसान को फायदा मिला है। ग्रामीण विकास में इन्फ्रास्ट्रक्चर के महत्व को जानकार आरआईडीएफ अंतर्गत सिंचाई परियोजनाओं, सड़कों, पुलों और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचन, परिवहन और संचार सुविधाओं में सुधार हुआ है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे कई ग्रामीण परिवारों को बैंकिंग सेवाओं का लाभ मिला है।
नाबार्ड के अधिकारी अभिजीत देउरी, सहायक महाप्रबंधक ने कहा कि उनके प्रयासों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास को बढ़ावा देना है और वे किसानों, महिलाओं और ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नाबार्ड की ये पहलें जिले में समृद्धि और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं और भविष्य में भी इसी तरह के प्रयासों के माध्यम से ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जगदलपुर 27 दिसंबर 2024/ राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक ने बस्तर में विभिन्न विकासात्मक पहलों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन पहलों का उद्देश्य कृषि, ग्रामीण विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है। कृषि क्षेत्र विकास के लिए नाबार्ड के कृषि क्षेत्र संवर्धन निधि के तहत किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और उपकरणों का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिससे किसानों की आय में सुधार हुआ है। जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू की गई हैं। नाबार्ड के जनजातीय विकास निधि केंद्रों (टीडीएफ) के तहत बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर उसमें फलदार वृक्षों जैसे आम, नाशपाती, अमरूद, एपल, बेर और सेब की वाड़ी बनाई गई है, जिससे कई किसान परिवारों की आय में वृद्धि हुई है।