मणिपुर। पिछले साल मई से जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर में बीते दिनों महिलाओं और बच्चों के शव बरामद होने के बाद हालत फिर बिगड़ गए। विरोध प्रदर्शन और हिंसा के कारण हालात बेकाबू हो गए। शनिवार की रात गुस्साई भीड़ ने इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में तीन और भाजपा विधायकों और एक कांग्रेस विधायक के घरों में आग लगा दी थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मणिपुर में हिंसा की ताजा घटनाओं के संबंध में तीन एफआईआर दर्ज किए हैं। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से सोमवार को पता चला है कि मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए इन मामलों को आतंकवाद निरोधी एजेंसी ने 13 नवंबर को दर्ज किया था और इन मामलों की जांच शुरू हो गई है।
हथियारबंद उग्रवादियों द्वारा जिरीबाम में एक महिला की हत्या की गई। इस संबंध में 8 नवंबर को जिरीबाम स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। उग्रवादियों ने जिरीबाम के जाकुरधोर करोंग और बोरोबेकरा पुलिस स्टेशनों पर सीआरपीएफ चौकी पर हमला किया। इस सिलसिले में 11 नवंबर को बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। बोरोबेकरा में घरों को जलाने और नागरिकों की हत्या का मामला सामने आया। इस संबंध में 11 नवंबर को बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई।
पिछले साल मई से जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के शव बरामद होने के बाद विरोध प्रदर्शन और हिंसा के कारण स्थिति अस्थिर हो गई है। शनिवार रात को गुस्साई भीड़ ने इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में तीन और भाजपा विधायकों और एक कांग्रेस विधायक के घरों में आग लगा दी। जबकि सुरक्षा बलों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर धावा बोलने की प्रदर्शनकारियों की कोशिश को नाकाम कर दिया।