अब केरल की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी होगी रबर की खेती

*रबर अनुसंधान संस्थान प्रायोगिक तौर पर बस्तर में करेगा रबर के पौधों का रोपण*

*इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा रबर रिसर्च इंस्टिट्यूट के मध्य हुआ अनुबंध*

रायपुर, 03 अप्रैल 2023/ छत्तीसगढ़ में भी अब ज्यादा मुनाफा देने वाले रबर के पेड़ों की खेती की जा सकेगी। रबर अनुसंधान संस्थान, कोट्टायाम बस्तर क्षेत्र में रबर की खेती की संभावनाएं तलाशने के लिए कृषि अनुसंधान केन्द्र बस्तर में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबर की प्रायोगिक खेती करने जा रहा है।

इस संबंध में आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की मौजूदगी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर तथा रबर अनुसंधान संस्थान कोट्टायाम के मध्य एक समझौता किया गया। समझौता ज्ञापन पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी तथा रबर रिसर्च इंस्टिट्यूट कोट्टायाम की संचालक अनुसंधान डॉ. एम.डी. जेस्सी ने हस्ताक्षर किये। इस समझौते के अनुसार रबर इंस्टिट्यूट कृषि अनुसंधान केन्द्र बस्तर में एक हेक्टेयर रकबे में रबर की खेती हेतु सात वर्षाें की अवधि के लिए पौध सामग्री, खाद-उर्वरक, दवाएं तथा मजदूरी पर होने वाला व्यय इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराएगा। वह रबर की खेती के लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन तथा रबर निकालने की तकनीक भी उपलब्ध कराएगा। पौध प्रबंधन का कार्य रबर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा।

अनुबंध समारोह को संबोधित करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि रबर एक अधिक लाभ देने वाली फसल है। भारत में केरल, तमिलनाडु आदि दक्षिणी राज्यों में रबर की खेती ने किसानों को सम्पन्न बनाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि रबर अनुसंधान संस्थान कोट्टायाम के वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की मिट्टी, आबोहवा, भू-पारिस्थितिकी आदि को रबर की खेती के लिए उपयुक्त पाया है और प्रायोगिक तौर पर एक हेक्टेयर क्षेत्र में रबर के पौधों का रोपण किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां रबर की खेती को निश्चित रूप से सफलता मिलेगी तथा किसानों को अधिक आमदनी प्राप्त हो सकेगी।

अनुबंध समारोह में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. अजय वर्मा, निदेशक प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. एस.एस. टुटेजा, निदेशक शिक्षण डॉ. एस.एस. सेंगर, कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास, स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी के अधिष्ठाता डॉ. विनय कुमार पाण्डेय, उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, जगदलपुर की अधिष्ठाता डॉ. जया लक्ष्मी गांगुली सहित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा रबर अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित थे।

Related Posts

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर – मुख्यमंत्री साय

*मुख्यमंत्री श्री साय दैनिक नवप्रदेश के 14वें स्थापना दिवस समारोह में हुए शामिल* *’राष्ट्रीय परिदृश्य में उभरता छत्तीसगढ़’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन* रायपुर 14 जून 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय…

Read more

विश्व रक्तदाता दिवस पर छत्तीसगढ़ में सेवा प्रतिबद्धता, राज्य में 1500 से अधिक यूनिट रक्त संग्रहित

*आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला ने स्वयं रक्तदान कर इस पुनीत कार्य में भागीदारी निभाई* *स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में सभी जिलों में रक्तदान शिविर, हजारों लोगों…

Read more

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर – मुख्यमंत्री साय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर – मुख्यमंत्री साय

मुख्यमंत्री जशपुर के रणजीत स्टेडियम में आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में होंगे शामिल

मुख्यमंत्री जशपुर के रणजीत स्टेडियम में आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में होंगे शामिल

ग्यारहवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिले  योग महाकुम्भ-योग को उत्सव का होगा आयोजन

ग्यारहवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिले  योग महाकुम्भ-योग को उत्सव का होगा आयोजन

कलेक्टर ने अटल परिसर निर्माण कार्य का किया अवलोकन जनपद अध्यक्ष, नगरपालिका अध्यक्ष सहित जनप्रतिनिधियों से नगर विकास पर की चर्चा

कलेक्टर ने अटल परिसर निर्माण कार्य का किया अवलोकन जनपद अध्यक्ष, नगरपालिका अध्यक्ष सहित जनप्रतिनिधियों से नगर विकास पर की चर्चा

पत्थलगांव बस स्टैंड में लोगों की सुविधा के लिए सुलभ शौचालय की सुविधा है

पत्थलगांव बस स्टैंड में लोगों की सुविधा के लिए सुलभ शौचालय की सुविधा है

लालमती ने मजबूत इरादों के साथ बनाई अपनी खुद की पहचान

लालमती ने मजबूत इरादों के साथ बनाई अपनी खुद की पहचान