Thursday, March 28

एक वर्षीय नव्या को हुआ था हाइड्रोसिफेलस बीमारी, चिरायु की टीम ने कराया सफलता पूर्वक ऑपेरशन चिरायु योजना से जिले में डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चों को मिला ला

रायगढ़, 16 दिसम्बर 2022/ राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इस वित्तीय वर्ष जिले के 01 लाख 75 हजार से अधिक बच्चों की स्क्रीनिंग एवं स्वास्थ्य जांच कराते हुए जरूरी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शून्य से 18 वर्ष के बच्चों का चार चरणों में स्क्रीनिंग की जाती है। बच्चों में 35 तरह की बीमारियों का चिरायु में इलाज का प्रावधान है। जांच में पाई गई बीमारी के उपचार हेतु छत्तीसगढ़ एवं देश के अन्य उच्च संस्थानों में बच्चों को भेजा जाता है। सीएमएचओ डॉ.मधुलिका सिंह ठाकुर ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा समस्त विकासखण्ड में व्हीएचएनडी सत्र के दौरान आरबीएस की टीम शासकीय आंगनबाड़ी व स्कूल में पढऩे वाले ग्रामों में बच्चों को जाकर चिन्हित कर उनके गंभीर बीमारियों का उपचार कराती है।
विकासखण्ड पुसौर ग्राम सिंगपुरी की नव्या यादव उम्र 1 वर्ष जो जन्म के कुछ महीने बाद से हाइड्रोसिफेलस हो गया था, जिसको सूपा में होने वाले शिविर में देखा गया था। जिसको खंड चिकित्सा अधिकारी एवं डॉ.विनोद नायक के मार्ग दर्शन से सामु.स्वा.केंद्र पुसौर की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम द्वारा मरीज को रायपुर डी.के.एस अस्पताल में 17 नवम्बर को भर्ती कराया गया और 20 नवम्बर 2022 को सफलता पूर्वक आपरेशन किया गया। आपरेशन पश्चात उन्हें 22 नवम्बर को घर के लिये छुट्टी दे दी गई। टीम द्वारा समय-समय पर बच्ची का फॉलोअप किया जा रहा है। इसी तरह पुसौर विकासखंड के गांव बाराडोली निवासी सुशील भोय का पुत्र प्रतीक भोय उम्र 1 वर्ष को 9 नवम्बर 2022 को सामु. स्वास्थ्य केंद्र पुसौर की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा आंगनबाड़ी में स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिसमें पाया गया कि बच्चा अपने जन्म से पैर की विकृति के साथ पैदा हुआ था, जिसको प्रत्येक गुरूवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित होने वाले चिरायु डे अंतर्गत बच्चे को लाया गया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.विनोद नायक द्वारा परीक्षण कर उच्च संस्था जिला अस्पताल को रिफर किया गया। तत्पश्चात उसे 17 नवम्बर 2022 को अस्थिरोग विशेषज्ञ द्वारा जांच कराकर जतन केंद्र में उपचार किया जा रहा है। डॉक्टर द्वारा प्लास्टर कर उसके फॅालोअप के लिये बुलाकर इलाज किया जा रहा है। बच्चों के परिजनों ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के टीम को धन्यवाद दिया।

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