हरियाणा के गुरुग्राम में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के उद्घाटन/शिलान्यास के अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

New Delhi (IMNB).

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

हरियाणा के गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय जी, यहां के कर्मठ मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी, केंद्र में मेरे वरिष्ठ साथी श्री नितिन गडकरी जी, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्ण पाल गुर्जर जी, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत जी, बीजेपी के प्रदेश के अध्यक्ष और पार्लियामेंट में मेरे साथी नायब सिंह सैनी जी, अन्य सभी महानुभाव, और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!

मैं अभी मेरे सामने स्क्रीन पर देख रहा था, आधुनिक टेक्नोलॉजी कनेक्टिविटी के द्वारा देश के कोने-कोने में लाखों लोग हमारे इस कार्यक्रम से जुड़े हैं। एक जमाना था दिल्ली से विज्ञान भवन से कार्यक्रम होता था, देश जुड़ता था। वक्त बदल चुका है, गुरूग्राम में कार्यक्रम होता है, देश जुड़ जाता है। ये सामर्थ्य हरियाणा दिखा रहा है। देश ने आज आधुनिक कनेक्टिविटी की तरफ एक और बड़ा अहम कदम उठाया है। मुझे खुशी है कि आज मुझे, द्वारका एक्सप्रेसवे को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है। इस एक्सप्रेसवे पर 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए हैं। आज से, दिल्ली-हरियाणा के बीच यातायात का अनुभव हमेशा के लिए बदल जाएगा। ये आधुनिक एक्सप्रेसवे केवल गाड़ियों में ही नहीं, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के लोगों की जिंदगी में भी गियर शिफ्ट करने का काम करेगा। मैं दिल्ली-NCR और हरियाणा की जनता को इस आधुनिक एक्सप्रेसवे के लिए अनेक-अनेक शुभकामनाएँ देता हूँ।

साथियों,

पहले की सरकारें छोटी सी कोई योजना बनाकर, छोटा सा कार्यक्रम करके उसकी डुगडुगी पांच साल तक पीटते रहते थे। वहीं भाजपा सरकार जिस रफ्तार से काम कर रही है, उसमें शिलान्यास-लोकार्पण के लिए समय कम पड़ रहा है, दिन कम पड़ रहे हैं जी। साल 2024 में ही, यहां के लोग तो ज्यादा समझदार हैं। आप सुनिए 2024 में ही, यानि अभी 2024 का तीन महीना भी पूरा नहीं हुआ है। इतने कम समय में अब तक 10 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं का या तो शिलान्यास किया है, या तो लोकार्पण हो चुका है। और मैं ये जो कह रहा हूं ना, ये तो मैं सिर्फ उन प्रोजेक्ट्स की चर्चा कर रहा हूं जिनमें मैं खुद शामिल हुआ हूं। उसके सिवाय मेरे मंत्रियों ने, हमारे मुख्यमंत्रियों ने जो किया है वो अलग। और आप देखिए 5-5 साल में कभी आपने सुना नहीं होगा, देखा नहीं होगा 2014 के पहले का जमाना, जरा याद करिए। आज भी यहां एक दिन में देश भर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की 100 से अधिक परियोजनाओं का या तो लोकार्पण हुआ है या शिलान्यास हुआ है। इनमें दक्षिण में कर्नाटका, केरला, आंध्र प्रदेश के विकास कार्य हैं, उत्तर में हरियाणा और यूपी के विकास कार्य हैं, पूरब में बिहार और बंगाल के प्रोजेक्ट्स हैं, और पश्चिम में महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान के लिए हजारों करोड़ रुपयों के विकास परियोजनाएं हैं। आज जो लोकार्पण हुआ है उसमें राजस्थान में अमृतसर-भटिंडा-जामनगर कॉरिडोर की लंबाई 540 किलोमीटर तक बढ़ाई जाएगी। बेंगलुरु रिंग रोड के विकास से वहां ट्रैफिक की मुश्किलें काफी मात्रा में कम होगी। मैं पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण, सभी राज्यों के करोड़ों-करोड़ों नागरिकों को इतनी सारी विकास की योजनाओं के लिए अनेक-अनेक बधाई देता हूँ।

साथियों,

समस्या और संभावना में केवल सोच का फर्क होता है। और समस्याओं को संभावनाओं में बदल देना, ये मोदी की गारंटी है। द्वारका एक्सप्रेसवे खुद इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। आज जहां द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण हुआ है, एक समय शाम ढलने के बाद लोग इधर आने से बचते थे। टैक्सी ड्राइवर भी मना कर देते थे कि इधर नहीं आना है। इस पूरे इलाके को असुरक्षित समझा जाता था। लेकिन, आज कई बड़ी कंपनियां यहां आकर अपने प्रोजेक्ट्स लगा रही हैं। ये इलाका एनसीआर के सबसे तेजी से विकसित हो रहे इलाकों में शामिल हो रहा है। ये एक्सप्रेसवे दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। इससे एनसीआर का integration बेहतर होगा, यहाँ Economic Activities को गति मिलेगी।

और साथियों,

द्वारका एक्सप्रेसवे जब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा, तो एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। पूरे पश्चिमी भारत में ये कॉरिडॉर, इंडस्ट्री और एक्सपोर्ट को एक नई एनर्जी देने का काम करेगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में हरियाणा सरकार और विशेषकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी को, उनकी जो तत्परता रही है, मैं आज इसकी भी सराहना करूंगा। हरियाणा के विकास के लिए जिस तरह मनोहर लाल जी दिन-रात काम करते रहे हैं, उसने राज्य में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर दिया है। और मनोहर लाल जी और मैं बहुत पुराने साथी हैं, दरी पर सोने का जमाना था तब भी साथ काम करते थे। और मनोहर लाल जी के पास एक मोटर साइकिल रहती थी, तो वो मोटर साइकिल चलाते थे, मैं पीछे बैठता था। रोहतक से निकलता था और गुरूग्राम आकर के रूकता था। ये हमारा लगातार हरियाणा का भ्रमण मोटर साइकिल पर हुआ करता था। और मुझे याद है उस समय गुरूग्राम में मोटर साइकिल पर आते थे, रास्ते छोटे थे, इतनी दिक्कत होती थी। आज मुझे खुशी हो रही है कि हम भी साथ हैं और आपका भविष्य भी साथ है। विकसित हरियाणा-विकसित भारत के मूल मंत्र को हरियाणा की राज्य सरकार मनोहर जी के नेतृत्व में निरंतर सशक्त कर रही है।

साथियों,

21वीं सदी का भारत बड़े विजन का भारत है। ये बड़े लक्ष्यों का भारत है। आज का भारत प्रगति की रफ्तार से कोई समझौता नहीं कर सकता। और आप लोगों ने मुझे भली-भांति जाना भी है, पहचाना भी है, समझा भी है। आपने देखा होगा ना मैं छोटा सोच सकता हूं, ना मैं मामूली सपने देखता हूं, नहीं मैं मामूली संकल्प करता हूं। मुझे जो भी करना है विराट चाहिए, विशाल चाहिए, तेज गति से चाहिए। इसलिए कि मुझे 2047 में हिन्दुस्तान को विकसित भारत के रूप में देखना है दोस्तों। आपके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए जी-जान से जुट़े रहना है जी।

साथियों,

इसी रफ्तार को बढ़ाने के लिए हमने दिल्ली-एनसीआर में होलिस्टिक विजन के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट का काम शुरू किया। हमने बड़े प्रोजेक्ट्स को तय समयसीमा में पूरा करने का टारगेट रखा। ये द्वारका एक्सप्रेसवे हो, पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का निर्माण हो…ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे हो…दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे हो…ऐसे अनेक बड़े प्रोजेक्ट्स हमारी सरकार ने पूरे किए हैं। और कोविड के 2 साल के संकट के बीच देश को इतनी तेजी से हम आगे बढ़ा पाए हैं। दिल्ली-NCR में पिछले 10 वर्षों में 230 किलोमीटर से ज्यादा नई मेट्रो लाइनें शुरू हुई हैं। जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण का काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है। ‘DND सोहना स्पर’ जैसी परियोजनाएं भी निर्माण के अंतिम चरण में हैं। इन परियोजनाओं से यातायात तो आसान होगा ही, साथ ही दिल्ली-एनसीआर की प्रदूषण की समस्या में भी कमी आएगी।

साथियों,

विकसित होते भारत में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और देश में कम होती गरीबी, दोनों आपस में जुड़े हुए हैं। जब एक्सप्रेसवे ग्रामीण इलाकों से होकर जाते हैं, जब गांवों को अच्छी सड़कों से जोड़ा जाता है, तो गांव में अनेक नए अवसर लोगों के घर के दरवाजे तक पहुंच जाते हैं। पहले गांव के लोग कोई भी नया अवसर खोजने शहर तक चले जाते थे। लेकिन अब, सस्ते डेटा और कनेक्टिविटी के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण गांवों में ही नई संभावनाओं का जन्म हो रहा है। जब अस्पताल, शौचालय, नल से जल और घरों का रिकॉर्ड गति से निर्माण होता है, तो सबसे गरीब को भी देश के विकास का लाभ मिलता है। जब कॉलेज, यूनिवर्सिटी और इंडस्ट्री जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ते हैं, तो इससे नौजवानों को प्रगति की संभावना अनगिनत अवसर लेकर के आती है। ऐसे ही अनेक प्रयासों के कारण, बीते 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ सके हैं। और लोगों की इसी प्रगति की शक्ति से हम 11वीं बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गए हैं।

साथियों,

देश में तेजी से हो रहा ये इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण का काम, भारत को उतनी ही तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत भी बनाएगा। और इससे उतने ही ज्यादा रोजगार-स्वरोजगार के भी मौके बनेंगे। इस स्केल के इंफ्रा को बनाने में, हाइवेज और एक्स्प्रेसवेज को बनाने में बड़ी संख्या में इंजीनियर्स और वर्कर्स की जरूरत पड़ती है। सीमेंट, स्टील जैसे उद्योगों को बल मिलता है, वहाँ भी बड़ी संख्या में युवा काम करते हैं। इन्हीं एक्सप्रेसवेज के किनारे आज इंडस्ट्रियल कॉरिडॉर बन रहे हैं। नई कंपनियाँ, नई फ़ैक्टरियां skilled युवाओं के लिए लाखों रोजगार लेकर के आ रही हैं। इसके अलावा, अच्छी सड़कों के होने से टू व्हीलर और फोर व्हीलर इंडस्ट्री को भी गति मिलती है। इससे साफ है कि आज युवाओं को रोजगार के कितने नए अवसर मिल रहे हैं, देश के manufacturing सेक्टर को कितनी ताकत मिल रही है।

साथियों,

देश में लाखों करोड़ रुपए के इन विकास कार्यों से सबसे ज्यादा दिक्कत अगर किसी को है तो वो है कांग्रेस और उसके घमंडिया गठबंधन। उनकी नींद हराम हो गई है। इतने सारे विकास के काम और वो एक की बात कर रहे हैं तो मोदी 10 और कर देता है। उनको समझ ही नहीं आ रहा है क्या इतनी तेजी से काम भी हो सकते हैं क्या। और इसलिए अब विकास के मुद्दों पर चर्चा करने की उनकी ताकत बची नहीं है। और इसलिए वो लोग कह रहे हैं कि मोदी चुनाव की वजह से लाखों करोड़ रुपए के काम कर रहा है। 10 वर्षों में देश इतना बदल गया। लेकिन, काँग्रेस और उसके दोस्तों का चश्मा नहीं बदला है। इनके चश्मे का नंबर अभी भी वही है- ‘ऑल नेगेटिव’! ‘ऑल नेगेटिव’! Negativity और केवल Negativity, यही कांग्रेस और इंडी गठबंधन वालों का चरित्र बन गया है। ये तो वो लोग हैं जो केवल चुनावी घोषणाओं की सरकार चलाते थे। इन्होंने 2006 में नेशनल हाइवे डवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 1 हजार किलोमीटर एक्सप्रेसवे बनाने का ऐलान किया था। लेकिन ये लोग घोषणा कर-कर के घोसले में घुस गए, हाथ पर हाथ रखकर के बैठे रहे। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की बातें 2008 में की गई थी। लेकिन, इसे पूरा हमारी सरकार ने 2018 में किया। द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड का काम भी 20 वर्षों से लटका था। हमारी डबल इंजन की सरकार ने सभी मुद्दों को सुलझाया और हर प्रोजेक्ट को पूरा भी किया।

आज हमारी सरकार जिस काम का शिलान्यास करती है, उसे समय पर पूरा करने के लिए भी उतनी ही मेहनत करती है। और तब हम ये नहीं देखते हैं कि चुनाव हैं या नहीं। आज आप देख लीजिए…देश के गांवों को लाखों किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर केबल्स से जोड़ा गया है। चाहे चुनाव हो या ना हो। आज देश के छोटे-छोटे शहरों तक में एयरपोर्ट्स बनाए जा रहे हैं, चाहे चुनाव हो या ना हो। आज देश के गांव-गांव तक सड़कों का निर्माण किया गया है, चाहे चुनाव हो या ना हो। हम टैक्स पेयर के एक-एक पैसे की कीमत जानते हैं, और यही कारण है कि हमने योजनाओं को तय बजट और तय समय में पूरा किया है।

पहले इंफ्रास्ट्रक्चर की घोषणा चुनाव जीतने के लिए होती थी। अब चुनाव में इंफ्रास्ट्रक्चर के काम पूरे होने की बात होती है। यही नया भारत है। पहले Delay होते थे, अब Delivery होती है। पहले विलंब होता था, अब विकास होता है। आज हम देश में 9 हजार किलोमीटर हाईस्पीड कॉरिडोर बनाने पर फोकस कर रहे हैं। इसमें से करीब 4 हजार किलोमीटर हाईस्पीड कॉरिडोर बनकर तैयार हो चुका है। 2014 तक सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो की सुविधा थी, आज 21 शहरों में मेट्रो की सुविधा है। इन कामों के पीछे लंबी प्लानिंग लगती है, दिन-रात की मेहनत लगती है। ये काम विकास के विज़न से होते हैं। ये काम तब होते हैं, जब नीयत सही होती है। अगले 5 वर्षों में विकास की ये गति और कई गुना तेज होगी। कांग्रेस ने सात दशक तक जो गड्ढे खोदे थे, वो अब तेजी से भरे जा रहे हैं। अगले 5 वर्ष अपनी इस नींव पर बुलंद इमारत बनाने का काम होने वाला है। और ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

आप सभी को इस विकास के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप, मेरा सपना है- 2047 तक  हमारा देश विकसित होकर रहना चाहिए। आप सहमत हैं…देश विकसित होना चाहिए…होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। क्या हमारा हरियाणा विकसित होना चाहिए? ये हमारा गुरूग्राम विकसित होना चाहिए। ये हमारा मानेसर विकसित होना चाहिए। हिन्दुस्तान का कोना-कोना विकसित होना चाहिए। हिन्दुस्तान का गांव-गांव विकसित होना चाहिए। तो विकास के उस उत्सव के लिए आइए मेरे साथ अपने मोबाइल फोन बाहर निकालिए…अपने मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट चालू कीजिए और ये विकास के उत्सव को इनवाइट कीजिए आप। चारों तरफ, मंच पर भी मोबाइल फोन वाले जरा…चारों तरफ जिन-जिन के पास मोबाइल है, हर एक के मोबाइल फोन का फ्लैशलाइल चले। इस विकास का उत्सव है ये, विकास का संकल्प है ये। ये आपकी भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए मेहनत करने का संकल्प है, जी-जान से जुट़ने का संकल्प है। मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

बहुत बहुत धन्यवाद!

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